जासूसी दस्तावेज और करामाती रोशनाइयाँ
Espionage documents and enchanting lights 

इतिहास साक्षी है कि राजाओं के राजपाट, नवाबों के तख्तोताज आर रियासतों के गुप्त संदेशों के पीछे अय्यारों और जासूसों के अद्भुत कारनाम छिपे हुए हैं; जैसाकि 'चंद्रकांता' पर आधारित बाबू देवकीनंदन खत्री के उपन्यास और इसपर आधारित टी.वी. सीरियल में आपने पढ़ा और देखा कि दस्तावेजों, फरमानों, प्रेम-पत्रों और गुप्त संदेशों में अनोखी भाषा और संकेतों के लिए विचित्र रंगीन स्याहियों का प्रयोग किया जाता रहा है। ये पत्र यूँ तो कोरे दिखाई देते थे; परंतु विशेष घोल, गैस और ऊष्मा द्वारा उपचारित करने पर स्पष्ट पढ़ लिये जाते थे और दूसरों को गुप्त बातों की भनक तक नहीं पड़ती थी। यहाँ उन कुछ विचित्र स्याहियों का रहस्य दिया जा रहा है।


चमकता जासूसी दस्तावेज

चमकते दस्तावेज दो प्रकार से लिखे जाते थे। साधारण दस्तावेजों के साथ ही गुप्त जासूसी दस्तावेज लिखा जाता था। साधारण दस्तावेजों में एलुमीनियम क्लोराइड की परत कपड़े पर लेप द्वारा चढ़ाई जाती थी और उस पर 10 प्रतिशत मरक्युरिक क्लोराइड के घोल की स्याही से लिखा जाता था। ये लिखे हुए अक्षर पाँच मिनट के उपरांत चमकने लगते थे। यदि इन अक्षरों को हलका-सा साफ कर भी दें तो पुन: चमकने लगते थे। इन चमकते अक्षरों के मध्य अदृश्य स्याही से भी संदेश लिख दिए जाते थे, जो वस्तुतः सही संदेश होते थे। इन अदृश्य अक्षरों को विशिष्ट उपचार के बाद पढ़ लिया जाता था। इस प्रकार भ्रमित करने का छद्म तरीका काफी प्रचलित था। इन अदृश्य स्याहियों का वर्णन इस प्रकार