मित्रता पर भाषण
Speech on Friendship


यहाँ उपस्थित महानुभाव, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्रिय मित्रों को नमस्कार। 

आज मेरे भाषण का विषय मित्रता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सच्ची मित्रता जीवन का सबसे कीमती तौहफा होती है। एक सामाजिक प्राणी होने के कारण, हम अपना जीवन अकेले नहीं जी सकते। हम एक दूसरे से अपनी जरुरत और आवश्यकता के अनुसार प्राकृतिक रुप से जुड़ जाते हैं और एक पर्याप्त समय सीमा के अंदर हमारे बीच की घनिष्टा और भी बढ़ जाती है जो लम्बे समय तक रहती है। उनके बीच उच्च स्तर का भरोसा होता है जिसे दोस्ती कहा जाता है। सामान्यतः, समान उम्र, समान उत्साह, भावुकता, भावनाओं और स्तर के व्यक्तियों में दोस्ती होती है हालांकि, यह पूरी तरह से आयु, लिंग, सामाजिक स्तर आदि से स्वतंत्र होती है। सच्ची मित्रता किसी भी आयु, धर्म, जाति, लिंग और सामाजिक स्थिति के दो व्यक्तियों के बीच हो सकती है। मित्रता वो सच्चा रिश्ता है जिसकी आवश्यकता हम सभी को होती है। हम सभी को पूरे जीवन में खुशी से दिन बिताने के लिए सच्चे दोस्त के साथ की आवश्यकता है। वे हमारे साथ हमारे अच्छे और बुरे दिनों में खड़े रहने के साथ ही हमारे खुशी और दुखों के पलों को साझा करने के द्वारा हमें जीवन में वास्तविक खुशी देते हैं। जीवन में सच्ची दोस्ती के उदाहरण देखना बहुत ही दुर्लभ है। हम सभी हमेशा से कृष्ण और सुदामा की सच्ची और ऐतिहासिक दोस्ती के बारे में जानते हैं। लेकिन कुछ लोग बहुत ही स्वार्थी होते हैं और केवल अपने लाभ के लिए धनवान, चालाक और उच्च सामाजिक स्तर के लोगों के साथ मित्रता करते हैं। इस तरह के मित्र कभी भी बुरे वक्त में सहायता नहीं करते इसके स्थान पर वो हमेशा उनसे लाभ उठाना चाहते हैं। वे अपने मित्र को बुरे वक्त में छोड़ देते हैं हालांकि, सच्चे दोस्त अपने दोस्त को कभी अकेला नहीं छोड़ते और हमेशा आवश्यकता के समय उसकी मदद करते हैं। बहुत से स्वार्थी व्यक्ति अच्छे लोगों के चारों ओर, उन्हें अपना मित्र बनाने के लिए चक्कर लगाते रहते हैं। लेकिन सच्चे दोस्त की परख केवल बुरे वक्त में ही होती है क्योंकि सच्चे दोस्त कभी अपने मित्र को अकेला नहीं छोड़ते और बुरे दोस्त हमेशा इसके विपरीत करते हैं। हमें जीवन में हमेशा दोस्त बनाते समय इस तरह के दोस्तों से सावधानी रखनी चाहिए। सच्चे दोस्त हमेशा जरुरत के समय पर अपने दोस्त की मदद करते हैं। सच्ची दोस्ती के बारे में एक आम कहावत है कि, “जरुरत के समय में साथ देने वाला ही दोस्त होता हैऔरअच्छा भाग्य मित्र लाता है लेकिन विपत्ति उनकी परीक्षा लेती है सच्चे दोस्त अपने दोस्त के बारे में अच्छे चरित्र, अच्छी भावनाओं और उनके भले की कामना करते हैं। वे कभी भी अपने दोस्त को दर्द देने की कोशिश नहीं करते इसके अतिरिक्त वे तो हमेशा उनके सम्पर्क में रहने की कोशिश करते हैं। सच्चे दोस्त किसी भी तरह का कोई रक्त संबंध नहीं रखते हालांकि, जो कुछ भी करते हैं वो किसी रक्त संबंधी से भी ज्यादा करते हैं। धन्यवाद।