गाँधी
जयंती पर भाषण
Speech on "Gandhi Jayanti"
सभी
माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे
दोस्तों आप सभी को
सुबह का नमस्कार। मेरा
नाम राहुल है, मैं कक्षा 7 में पढ़ता हूँ। मैं गाँधी जयंती के अवसर पर
एक भाषण देना चाहूँगा।
सबसे पहले मैं अपने क्लासटीचर को धन्यवाद देना
चाहूँगा जिन्होंने इतने महान अवसर पर भाषण देने
के लिये मुझे मौका दिया। जैसा कि हम सभी
जानते है कि हर
साल 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी
का जन्मदिन मनाने के लिये हम
सब इकट्ठा होते हैं। मेरे प्यारे दोस्तों, गाँधी जयंती केवल अपने देश में ही नहीं मनाया
जाता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय
अहिंसा दिवस के रुप में
पूरे विश्व भर में मनाया
जाता है क्योंकि वह
अपने पूरे जीवनभर अहिंसा के एक पथ-प्रदर्शक थे। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है हालाँकि वह
बापू और राष्ट्रपिता तथा
महात्मा गाँधी के नाम से
प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के
पोरबंदर में हुआ था। इस दिन पर,
नयी दिल्ली के राजघाट पर
महात्मा गाँधी को उनके समाधि
स्थल पर भारत के
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के
द्वारा प्रार्थना, फूल, भजन आदि के द्वारा श्रद्धाजलि
अर्पित की जाती है।
गाँधी जयंती भारत के सभी राज्यों
और केन्द्र शासित प्रदेशों में गाँधी को याद करने
के लिये मनायी जाती है जिन्होंने हमेशा
सभी धर्मों और समुदायों को
एक नजर से सम्मान दिया।
इस दिन पर पवित्र धार्मिक
किताबों से दोहा और
प्रार्थना पढ़ा जाता है खासतौर से
उनका सबसे प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम”। देश में
राज्यों के राजधानियों में
प्रार्थना सभाएँ रखी जाती है। जैसा कि भारत सरकार
के द्वारा इस दिन को
राष्ट्रीय अवकाश के रुप में,
सभी स्कूल, कॉलेज, कार्यालय आदि पूरे देश में बंद रहते हैं। महात्मा गाँधी एक महान व्यक्ति
थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की
आजादी को प्राप्त करने
में बहुत संघर्ष किया और एक महत्वपूर्ण
भूमिका निभायी। वह ब्रिटिश शासन
के खिलाफ भारत के लिये आजादी
प्राप्त करने के अहिंसा के
अनोखे तरीके के केवल पथ-प्रदर्शक ही नहीं थे
बल्कि उन्होंने दुनिया को साबित किया
कि अहिंसा के पथ पर
चलकर शांतिपूर्ण तरीके से भी आजादी
पायी जा सकती है।
वह आज भी हमारे
बीच शांति और सच्चाई के
प्रतीक के रुप में
याद किये जाते हैं।
जय हिन्द धन्यवाद
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