ख़ुशी पर भाषण
Speech on Happiness

आप सभी को मेरी ओर से सुप्रभात। आज 20 मार्च 2017 है और यह आयोजन "अंतर्राष्ट्रीय खुशी दिवस" ​​के उत्सव को मनाने के लिए हमारी कॉलोनी में आयोजित किया गया है।

इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के सलाहकार जयमी इलियन ने की थी। ख़ुशी के आनंद, प्रसन्नता, प्रफ्फुलता, मनोरंजन आदि जैसे कई अर्थ हैं। जो कुछ हम अपने जीवन में करते हैं वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खुशी से जुड़ा हुआ होता है और यह हमारे या किसी और से समबंधित हो सकता है। इस दुनिया में हर प्राणी खुशी चाहता है। हर कोई दुखी होने या दर्द महसूस करने से डरता है। हमें जीवन के प्रत्येक क्षण का आनंद लेने की आवश्यकता है। इस पूरे विश्व में लगभग सभी अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और यह हमारी खुशियों के कारण है कि जब हमारी ज़रूरतें पूरी होती हैं तो हमें संतुष्टि होती है लेकिन इस दुनिया में बहुत से लोग हैं जो अपनी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं और फिर भी खुश हैं क्योंकि वे आज के समय में संतुष्ट हैं और वे कल के बारे में चिंता करने की बजाय वर्तमान की सोचते हैं। इसलिए खुशी एक व्यक्ति के लिए एक विकल्प बन जाती है कि क्या वह अपनी सफलता से या वर्तमान के साथ अपनी खुशी को जोड़ना चाहता है। यदि आप एक सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो कल के बारे में चिंता करके इसे बर्बाद करने के बजाय अपने वर्तमान में रहने की कोशिश करें। हमारे जीवन में हम कई समस्याओं और जटिलताओं का सामना करते हैं लेकिन कुछ लोग हार मान जाते हैं और कुछ अपनी जीत के लिए आखिरी साँस तक प्रयास करते हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका समाधान नहीं है लेकिन उसका समाधान खोजने के लिए हमें मेहनत करने की आवश्यकता है। इस दुनिया में अभी भी ऐसे कई लोग हैं जिनके पास भोजन, आश्रय आदि जैसी उचित सुविधाएं नहीं हैं लेकिन वे उनके पास मौजूद चीज़ों से संतुष्ट रहने की कोशिश करते हैं। जीवन में सफलता के साथ खुशियों को जोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि विफलता हर व्यक्ति के जीवन में कई बार सकती है और यह जीवन के लिए महत्वपूर्ण भी है। लोगों की खुशी की अपनी परिभाषा है। कुछ के लिए यह सफलता है लेकिन कुछ के लिए यह एक आनंद से अधिक नहीं है। जो लोग सफलता का पीछा करते हैं या सफल रहना चाहते हैं वे वर्तमान में अपनी जिंदगी जीना भूल जाते हैं लेकिन जो लोग वर्तमान में रहते हैं या खुश जीवन जीते हैं वे हमेशा सफल होते हैं। यदि हम खुश रहना चाहते हैं तो खुश जीवन की कई चाबियाँ हैं। बहुत से लोगों को दूसरों के साथ खुद की तुलना करने की आदत है। उदाहरण के लिए यदि मेरे पास एक कार है लेकिन मुझे कोई ऐसा व्यक्ति मिल गया जिसके पास बेहतर कार है तो यहाँ से मेरे दिमाग में बुरी भावनाएं आनी शुरू हो जाएगी। जब-जब हम उस व्यक्ति के साथ अपनी तुलना करेंगे तब-तब हमे ऐसा महसूस होगा जो एक बुरी आदत है। इसलिए हमारे अन्दर बेहतर बनने की भावना होनी चाहिए और साथ ही हमें किसी और के साथ अपनी ज़िंदगी की तुलना नहीं करनी चाहिए। हम सभी को हमारे जीवन को सफलतापूर्वक उन्मुख करने और सफलतापूर्वक परिवर्तित करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि जीवन बिना सुख के जीना ज्यादा अच्छा है बजाए सुख के साथ बिना ख़ुशी के। इसी के साथ मैं अपने भाषण समाप्त करना चाहूंगा और नम्रतापूर्वक इच्छा रखूंगा कि आप सभी को जीवन में खुशी मिल सके।

धन्यवाद।