स्वच्छता
के महत्व पर भाषण
Speech on "Importance of Cleanliness"
हमारे आदरणीय प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, शिक्षक और मेरे प्रिय विद्यार्थियों आप सभी को सुप्रभात !
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि स्वच्छ विद्यालय अभियान के लिए क्षेत्र में अन्य विद्यालयों के साथ हमारे स्कूल ने हाथ मिलाया है, यह हमारी अपनी संस्था से इस अभियान को शुरू करने के लिए उपयुक्त माना गया है, जहां छात्रों के रूप में हम भी हमारे आसपास स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहन प्राप्त करेंगे लेकिन इससे पहले कि हम इस विषय पर किसी भी तरह से बात करें पहले समझ लें कि सफाई क्या है? शब्द 'स्वच्छता' में धूल, गंदगी, कचरा, गंध, दाग, आदि का अभाव दिखता है। ज्यादातर भारतीय स्थानों चाहे वह पैदल चलने का रास्ता हो या सड़क, रेलवे स्टेशन, सरकारी कार्यालय, अस्पताल या बस स्टॉप हो निस्संदेह यह आपको आँखों के लिए अप्रिय महसूस होगा। इसके अलावा सड़कों पर प्रसारित कचरे, विखंडित दीवारों और बहते हुए सीवेज के परिणाम और बीमारियों के फैलाव और सड़कों पर पानी के फैलने की वजह से स्थिति और बुरी हो जाती है जिसके फ़लस्वरूप अधिक से अधिक लोगों को बीमारियों के शिकार होने और समुचित उपचार और देखभाल की अनुपस्थिति में मरने वालों की संख्या बढ़ जाती है। इसलिए इस संकट से बचने के लिए हमारे देश के मूल निवासियों को न केवल अपने घरों और काम के स्थानों में बल्कि उनके परिवेश में भी सफाई बनाए रखने के लिए प्रयास करना चाहिए। एक स्वच्छ और साफ़ वातावरण ही मन को खुश और एक परिपूर्ण जीवन बनाता है। एक प्रसिद्ध मुहावरा के हिसाब से दान घर से शुरू होता है। इसी तरह एक शहर, गांव की सफाई से पहले लोगों के घरों में सफाई शुरू होनी चाहिए। इसलिए इस संकट से बचने के लिए हमारे देश के मूल निवासी को प्रभावी होना चाहिए। वास्तव में लोग अपने गांवों के पर्यावरण और उन गांवों में रहने वाले लोगों की स्वच्छता की सफाई सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। खुली जगहों पर शौचालय से बचने के लिए सार्वजनिक शौचालयों के अलावा व्यक्तिगत शौचालय भी बनाए गए हैं। गंदे पानी और ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए प्रभावी उपाय उठाए जा रहे हैं। इसलिए जब गांव के लोगों ने इतनी कोशिश की है तो इस अभियान में सुप्रसिद्ध शहरों में रहने वाले लोगों को क्यों पीछे रहना चाहिए। समझने की कोशिश करें कि स्वच्छता ऑक्सीजन, पानी और भोजन के रूप में मानव अस्तित्व के लिए जरूरी है। इसके अलावा यह अनुशासन और सफलता की पहचान की नींव है क्योंकि अगर कोई व्यक्ति खुद को संगठित और स्वच्छ नहीं रख सकता है तो वह दूसरों की सफलता की दिशा में कैसे योगदान करेगा। स्वच्छ वातावरण के अभाव में लोगों के साथ स्वस्थ संबंध बनाए रखना संभव नहीं है। कम से कम साफ-सफाई का न्यूनतम स्तर जैसे नियमित रूप से स्नान करना, शौचालय का उपयोग करने के बाद अपने हाथों को धोना, धूल से अपने पैरों की रक्षा करना, कूड़ेदान में कचरा फेंकना आदि हर किसी से अपेक्षा की जाती है। स्वच्छता स्मारकीय रूप से महत्वपूर्ण है और इसको दैनिक अभ्यास में लाना चाहिए। अगर हम अपने और हमारे आस-पास के इलाकों को साफ रखेंगे तो यह राष्ट्र निर्माण के कार्य में भी मदद करेगा क्योंकि इससे फिर से अधिक से अधिक विदेशी पर्यटकों को हमारे देश की यात्रा करने और उसकी सुंदरता, प्रकृति और विभिन्न स्थानों का भ्रमण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बेशक कोई भी एक ख़राब जगह का दौरा नहीं करना चाहता है। इसलिए हमें ऐसी जीवन शैली को अपनाना होगा जिससे आस-पास के पौधों का पोषण कर सकें। हमें जीवित प्राणियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा जहाँ हर कोई एक सुसंगत सह अस्तित्व में रह सकता है।
धन्यवाद।
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