मजदूर दिवस पर भाषण
Speech on Labour Day

सुप्रभात मित्रों। इस फ़ोरम का हिस्सा बनने के लिए आप सभी का धन्यवाद। आज हम मजदूर/श्रम दिवस के बारे में चर्चा करेंगे जिसे मई दिवस भी कहा जाता है। 

यह हर साल 1 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है। हमारा संगठन एक निजी कल्याण संगठन है जो राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करता है। हम मूल रूप से निम्न स्तर से संबंधित श्रमिकों के विकास के लिए काम करते हैं। आज हमारे बीच बहुत प्रसिद्ध उद्योगपति भी मौजूद हैं जो इस आंदोलन का समर्थन करते हैं। दोस्तों जब भी हम श्रम शब्द सुनते हैं तो हमें कड़ी मेहनत या शारीरिक श्रम का ध्यान आता है। आज हम यहां बड़े और प्रमुख संगठनों के लिए काम करने वाले श्रमिकों के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। ऐतिहासिक रूप से मजदूर/श्रम दिवस की शुरुआत अमेरिका में हुई थी जिसमें मजदूरों के लिए 8 घंटे के काम की वकालत करते हुए बिल पारित किया गया था और 1886 के बाद से मजदूरों या कर्मचारियों के कड़ी मेहनत का सम्मान करने के लिए श्रम दिवस का जश्न शुरू हुआ। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि कोई भी कंपनी या संगठन बिना परिश्रम नहीं चल सकती लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कंपनी के लिए काम करने वाले किसी भी कर्मचारी को नज़रंदाज किया जाए। कंपनी को 8 घंटे के काम के बाद यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मजदूरों या कर्मचारियों के साथ जाति, धर्म, पंथ, लिंग, विकलांगता आदि के आधार पर भेदभाव किया जाए और उन्हें प्रतिस्पर्धी मजदूरी या वेतन का भुगतान होना चाहिए। इसके अलावा प्रत्येक श्रमिक पहले एक व्यक्ति है और इस प्रकार उनकी स्थिति या नौकरी को ध्यान में ना रखकर उनका सम्मान होना चाहिए। यह भी सच है कि मजदूर हमारी भारतीय अर्थव्यवस्था और औद्योगिक प्रगति की प्रेरणा शक्ति हैं। श्रमिकों के पास एक बड़ा राजनीतिक प्रभाव भी है क्योंकि कुछ श्रमिक मुद्दों ने कई राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने में मदद की है। श्रमिक कारखाने चलाने, सड़कों का निर्माण करने, इमारतें बनाने, तेल निकालने आदि अलग-अलग तरीकों से काफ़ी मदद करते हैं। आज के मजदूर इतने भी अज्ञानी या अशिक्षित नहीं हैं कि वे अपने अधिकारों को ना समझ सकें या उन्हें आसानी से दबाया जा सकें लेकिन कुछ बड़ी कंपनियां है जो दूरस्थ क्षेत्रों या गांवों से श्रमिकों को आयात करती हैं। ये लोग भोले होते हैं और चूंकि वे गरीब भी होते हैं वे किन्हीं भी शर्तों पर काम करने के लिए सहमत हो जाते हैं। हमारे संगठन के सदस्य उन इलाकों में यात्रा करते हैं और उनके मुद्दों को सुनते हैं तथा राज्य सरकार के सामने इसे उजागर करते हैं और उनके भलाई के लिए काम करते हैं। हमने गांवों में कई स्कूल खोले हैं और बच्चों के साथ-साथ बड़े लोगों को भी शिक्षा प्रदान की है। हमारा संगठन बाल श्रम के खिलाफ भी काम करता है। हमने कई खानों और कारखानों की पहचान की है जो बच्चों को अपने उत्पादन इकाई में नियोजित करते हैं। पिछले साल एनजीओ ने इस मुद्दे को उजागर किया था और हमने तुरंत संज्ञान लेते हुए उन सभी बच्चों को ऐसे इकाइयों से मुक्त कराया। अब हम उन्हें शिक्षा प्रदान करते हैं तथा उनके माता-पिता को कला और शिल्प प्रशिक्षण प्रदान करते हैं ताकि वे अपनी आजीविका कमा सकें। मैं आम जनता सहित सभी उद्योगपतियों, सरकारों, दोनों निजी तथा सरकारी फर्मों से अपील करता हूं कि हमें अपने समाज से बुराई को खत्म करने और निम्न स्तर वाले लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए साथ आना चाहिए ताकि वे सम्मानजनक जीवन गुज़ार सकें। धन्यवाद।