समाचार
पत्र पर भाषण
Speech on Newspaper
हेल्लो दोस्तों - आप सभी को नमस्कार! आज का आपका ‘मेजबान’ मैं सौरभ शुक्ला आप सभी का भारतीय एक्सप्रेस समाचार पत्र के 21वें समारोह में स्वागत करता हूँ।
दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हमारी टीम अपनी वार्षिक बिक्री लक्ष्य को हासिल करने में सफल रही है जो हमारे लिए काफी बड़ी जीत है। तो आज के दिन के महत्व पर विचार करते हुए मैं हमारे दैनिक जीवन में अख़बार/समाचार पत्र के महत्व के बारे में विस्तार से एक छोटा सा भाषण देने जा रहा हूं। अख़बार/समाचार पत्र हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। हालाँकि डिजिटल विकास ने अख़बार/समाचार पत्र की बिक्री को प्रभावित किया है लेकिन जिन लोगों को इसके महत्व का एहसास है वे अभी भी इसे खरीदते हैं और पढ़ते हैं। विकिपीडिया के अनुसार भारत दुनिया भर में अखबार के लिए सबसे बड़ा बाजार है जहाँ हर दिन
100 मिलियन से अधिक अख़बार बेची जाती हैं और इस तथ्य को नज़रंदाज करते हुए कि आज इंटरनेट ने लोगों के जीवन पर मजबूत पकड़ बना रखी है लोग आज भी ख़ुद को अपडेट रखने के लिए अपने मोबाइल फोन और टैबलेट पर अख़बारों का डिजिटल संस्करण यानी ई-अख़बार पढ़ रहे हैं। अब आप बताइए कि समाचारों ने हमारे जीवन में क्या महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगर मैं शिक्षा के क्षेत्र में अख़बार/समाचार पत्र के महत्व के बारे में बात करूँ तो यह वास्तव में छात्रों को शिक्षा के छेत्र में व्यावहारिक उदाहरण देकर शिक्षा को मजबूत बनाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए यदि छात्र राजनैतिकता - इसके पक्ष और विपक्ष - के प्रभाव के बारे में अध्ययन कर रहे हैं तो शिक्षक अख़बार/समाचार पत्र से जीवन के कुछ वास्तविक उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं। समाचार पत्रों के माध्यम से छात्र बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन और समाज पर पुनर्निमाण के वास्तविक प्रभाव को समझ सकते हैं। एक और उदाहरण यह हो सकता है कि उच्च माध्यमिक कक्षाओं में यदि राजनीतिक विज्ञान के छात्र किसी देश के प्रधान मंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में सीखते हैं तो शिक्षक प्रभावी ढंग से उन्हें अपने वर्तमान प्रधान मंत्री के जीवन से उदाहरण देकर और दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर प्रकाश डाल कर उन्हें पढ़ा सकता है। प्रधानमंत्री की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के बारे में जानकारी अखबार/समाचार पत्र द्वारा प्राप्त की जा सकती है। इस प्रकार मुझे लगता है कि व्यावहारिक शिक्षा की प्रगति में समाचार पत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा छात्रों को समाचार पत्रों/अख़बारों को पढ़ने से बहुत अधिक फायदे प्राप्त होते हैं जैसे वे अपनी शब्दों के ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। चाहे राजनीति विज्ञान हो, अर्थशास्त्र, हिंदी या कोई अन्य विषय हो छात्र आसानी से अपने स्रोत और दिलचस्पी के अनुसार टर्मिनोलोजी और संबंधि जानकारी हासिल कर सकते हैं। जैसे हमारे पास अखबार में अर्थशास्त्र के छात्रों के लिए
"आर्थिक पृष्ठ खंड" होता है उसी तरह साहित्य या राजनीति विज्ञान के छात्रों के लिए संपादकीय पृष्ठ भी होता है। अपने शब्दों के ज्ञान को सुधारने के अलावा अखबार पढ़ने की आदत भी लोगों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाती है और हमारे देश के विभिन्न हिस्सों और दुनिया में नवीनतम लोकप्रिय खबर के बारे में जागरूकता फैलाती है। इससे ज्यादा और क्या चाहिए? यहां तक कि आपको अख़बार में एक पूरा अनुभाग रोजगार/कैरियर आदि के लिए मिलता है जो साप्ताहिक प्रकाशित होता है और छात्रों को विभिन्न परीक्षाओं, नौकरियों और कैरियर से संबंधित अवसरों के बारे में जागरूक रहने में मदद करता है। तो रोज़ अखबार पढ़ने की आदत कभी भी बेकार नहीं जाता और यह कई मायनों में उपयोगी भी सिद्ध होता है। मुझे बस इतना ही कहना था। धन्यवाद!
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