E-183, डिफेंस कालोनी, कानपुर की निवासी श्रीमती कसम जायस की ओर से किसी दैनिक समाचार-पत्र का लिखिए जिसमें नगर में स्थान-स्थान पर आवारा घूमने वाले पशुओं की समस्या पर जनता तथा अधिकारियों का ध्यान खींचा गया हो।
कुसुम जायस
E-183, डिफेंस कालोनी,
लाल बंगला,
कानपुर-10
27.7.20xx
सेवा में,
मुख्य संपादक,
अमर उजाला,
कानपुर।
विषय: आवारा घूमने वाले जानवरों की समस्या।
महोदय,
मैं आपके जनप्रिय एवं प्रसिद्ध समाचार-पत्र के माध्यम से अपने अग्रलिखित विचार जनता तक पहुँचाना चाहती हैं। आशा ही नहीं अपितु मुझे दृढ़ विश्वास है कि आप इसे 'पाठकों के पत्र' नामक स्तंभ में प्रकाशित करेंगे।
आजकल कानपुर नगर गंदगी का पर्याय बन चुका है। सभी मुख्य सड़कों पर आवारा पशुओं के समूह दिखाई देते हैं। गायों, भैंसों, गधों, कुत्तों तथा सूअरों का हर समय नगर की सड़कों पर घूमना एक बहुत विकराल समस्या बन गई है। इनमें से अधिकतर पशु लावारिस होते हैं तथा कुछ जानवरों के मालिक जान-बूझकर उन्हें आवारा खुला छोड़ देते हैं। इनमें से सूअर ऐसा जानवर है जो सबसे अधिक गंदगी फैलाता है। गंदगी का ही भरण-पोषण करता है। किसी भी मख्य सड़क या बाज़ार में सुअरों तथा गधों का दिखाई देना सामान्य बात है। साँडों, गायों द्वारा फलों तथा सब्जियों की ठेली को पलटना किसी भी समय देखा जा सकता है। मुख्य सड़कों पर इन जानवरों के कारण दर्घटनाएँ होती रहती हैं। सुअरों, गायों, भैंसों तथा कुत्तों के कारण दुर्घटनाओं की संख्याएँ निरंतर बढ़ रही हैं।
ये आवारा जानवर सड़क पर गोबर व लीद आदि फैलाते हैं जिससे सभी नगरवासियों का मन खराब होता रहता है। नगरपालिका के कर्मचारी और अधिकारी पता नहीं किन कारणों से मौन साधे बैठे हैं। उन्हें तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए। सूअरों को योजनाबद्ध तरीके से पाला जाए। आवारा जानवरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर बंद कर दिया जाए। मेरा नगरपालिका अधिकारियों से निवेदन है कि वे त्वरित कार्यवाही करके इस जन-समस्या पर काबू पा लें ताकि शहर और नागरिक इस गंदगी और बीमारियों से बच सकें।
सधन्यवाद!
भवदीया
कुसुम जायस
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