ग्रहप्रवेश 
Grahpravesh


हम कुछ समय पहले किराए के मकान में रह रहे थे, किन्तु मेरे पिता जी ने एक प्लॉट खरीद लिया था। हम वहाँ पिछले डेढ़ साल से नया घर बनवाने में जुटे थे। पिछले सप्ताह नया घर बनकर तैयार हो गया था। नए घर के अनुरूप नए पर्दे, नया फर्नीचर खरीदना स्वाभाविक ही था। मेरे पिता जी ने मेरे और मेरी बहन के लिए पढ़ाई करने का एक कमरा अलग से बनवाया था। उन्होंने हमारे पढ़ने वाले कमरे के लिए स्टडी टेबल, कुर्सियाँ और दो छोटी-छोटी अलमारियाँ बनवायी थीं। उस घर में प्रवेश करने के लिए घर का प्रत्येक सदस्य उत्सुक था। नए स्टडी रूम की बात सोचकर तो मैं रोमांचित हो जाता था। रविवार को गृह-प्रवेश था। हमने अपने सभी रिश्तेदारों, मित्रों को गृहप्रवेश के अवसर पर सादर आमंत्रित किया था। इस अवसर पर पूजा का विधान होता है अत: ठीक आठ बजे पूजा शुरू हो गयी। पूजा में सभी शामिल हुए। पिता जी ने पूजा के बाद दोपहर के भोजन का बढ़िया प्रबन्ध किया हुआ था। सभी ने भोजन किया और हमें नए घर में प्रवेश पर बहुत-बहुत बधाइयाँ दीं। हमने सभी का धन्यवाद किया। सचमुच, नए घर में प्रवेश करके सारे परिवार की खुशी का ठिकाना न था।