परीक्षा से एक दिन पूर्व 
Pariksha se ek din Pehle


परीक्षा का नाम सुनते ही भला किस विद्यार्थी के हाथ पाँव नहीं फूल जाते ? मेरा भी कुछ ऐसा ही अनुभव रहा है। यद्यपि मैंने आठवीं कक्षा की परीक्षा की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी किंतु न जाने क्यूँ परीक्षा से एक दिन पूर्व मुझे अजीब सी घबराहट महसूस होने लगी। ऐसा लग रहा था कि मुझे कुछ भी याद नहीं है। मेरी माता जी मेरे लिए खाना लेकर आयीं तो मेरे आँसू बहने लगे। माथे पर पसीना आ रहा था। जब माता जी ने इसका कारण पूछा तो मैं और भी जोर से रोने लगा। मेरे माता-पिता को यह समझते देर न लगी कि हमेशा की तरह मेरी ऐसी हालत पेपर के एक दिन पहले की है। उन्होंने मुझे समझाते हुए कहा कि मैंने स्कूल में सभी टेस्टों में अच्छे अंक लिए हैं और वे रोज़ मुझसे कुछ भी सुनते हैं तो मैं बिल्कुल सही जवाब देता हूँ। अतः मुझे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इससे मुझे सांत्वना मिली और मेरे पिता जी ने मेरी दोहराई करवाई। तत्काल ही मेरी घबराहट दूर हो गई। मैंने खाना खाया और निश्चिन्त होकर रोल नंबर पर्ची, पेन, पेंसिल आदि कवर में संभालकर सो गया।