चरित्र-आचरण
Character and Conduct



अच्छी नसीहत मानने से अपनी ही योग्यता बढ़ती है।

गेटे


जिस दिन आप पहली बार खुद पर हँसते हैं, उसी दिन आप वयस्क हो जाते हैं।

ईगल बेट्टीमोर


मानवचरित्र न तो बिल्कुल स्याह होता है और न सफेद। अनुकूल स्थितियों में नीचे गिर जाता है।

प्रेमचंद


दूसरों के सामने अपनी श्रेष्ठता प्रकट करना उसी के लिए संभव है जो भीतर से श्रेष्ठ है।

अज्ञात


जिन दोषों के कारण हम दूसरों की भर्सना करते हैं, उनसे अपनी सफाई पहले कर डालें।

अज्ञात


कपटरहित हृदय ही प्राणी मात्र पर दया करते हैं।

अज्ञात


जो उपदेशों के अंबार लगाते रहते हैं, प्रायः निज के जीवन में खोखले होते

अज्ञात


जो विचार हमारे अचेतन मन को प्रभावित करता है, वही चरित्र को सुधार सकता है।

अज्ञात


जो छोटों पर दया नहीं करते, उन्हें बड़ों से दया मांगने का अधिकार नहीं

अज्ञात


आत्मगौरव नष्ट करके जीना मृत्यु से भी बुरा है।।

अज्ञात