दशहरा
Dussehra
दशहरा हिन्दुओं का एक अन्य महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह दीपावली से कुछ दिन पूर्व मनाया जाता है। आमतौर से यह हर साल अक्टूबर मास में मनाया जाता है। दशहरा को विजयदशमी भी कहा जाता है। दशहरा को अच्छाई की बुराई पर विजय के प्रतीक स्वरूप मनाया जाता है। दशहरे के दिन दशरथ पुत्र श्री राम ने लंकापति रावण को हराया था तथा माता सीता को उसकी कैद से मुक्त किया था।
दशहरे का असली वैभव तो विभिन्न नगरों की रामलीला में दिखाई देता है। यहाँ दशहरे से कुछ दिन पूर्व ही रामायण का मंचन आरम्भ हो जाता है तथा दशहरे के दिन श्री राम का रूप धारण किये कलाकार रावण के पुतले में आग लगाकर दशहरे के उत्सव को मनाते हैं। इस दिन बाजारों में अत्यंत रौनक होती है। लोग घरों तथा दुकानों में सफाई आदि भी करते हैं। बच्चे पटाखे चलाकर श्री राम की विजय का जश्न मनाते हैं। दशहरा पर्व में एक महान नैतिक संदेश भी छिपा हुआ है। यह त्यौहार हमें बताता है कि बुराई चाहे कितनी ही शक्तिशाली क्यों न हो अंत में सच्चाई से हार जाती है। ठीक उसी प्रकार जब लंकापति रावण सीता माता का अपहरण करके ले गया तो वह घोर पापी तथा अन्यायी हो गया। तब श्रीराम ने भालू और वानरों की सेना के बल पर ही रावण की अत्यंत शक्तिशाली सेना का संहार करके उस पर विजय प्राप्त की तथा सीता माता को मुक्त कराया था। श्री राम रावण को हराने में सफल हुये क्योंकि सत्य तथा अच्छाई की शक्ति उनके साथ थी। अतः यह त्यौहार हमें बताता है कि अच्छाई और बुराई के संघर्ष में जीत सदैव अच्छाई तथा सत्य की होती है। हमें भी समाज में से भेदभाव, भ्रष्टाचार, हिंसा आदि बुराइयों पर विजय प्राप्त करने का प्रयत्न करना चाहिये। तभी दशहरा का पर्व सार्थक होगा।
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