कबूतर 
Kabootar 

कबूतर एक प्यारा-सा पक्षी है। कबूतर जंगलों और घरों के आस-पास दोनों ही जगह रहते हैं। कई लोग इन्हें शौकिया तौर पर भी पालते हैं।
यह जंगलों में, पुराने खण्डहरों में, टूटे मकानों में, पेड़ों पर कहीं भी अपना घर बना लेते हैं तथा वहाँ आजादी से रहते हैं। 

कबूतर अपना घोंसला तिनकों से और पतली-पतली लड़कियों से बनाते हैं। कबूतर को अनाज के दाने, बाजरे के दाने इत्यादि खाने पसन्द हैं। इसके साथ यह रोटी का टुकड़ा भी खा लेते हैं। कबूतर कई रंगों के होते हैं परन्तु भारत में विशेष रूप से कबुतर सफेद तथा स्लेटी रंग के होते हैं। सफेद कबूतर देखने में अत्यन्त सुन्दर होते हैं। बहुत से लोग इन्हें पिंजरों में भी रखते है। इनके मालिक इनका नाम भी रखते हैं तथा इन्हें उसी नाम से पुकारते है। कबूतरों की गुटर-गू की बोली बहुत अच्छी लगती है। 

डाक व्यवस्था शुरू होने से पहले कबूतर संदेश पहुँचाने का कार्य भी करते था उड़ीसा में तो अभी भी पत्र वाहक के रूप में कबूतर का प्रयोग किया जाता है। 

सफेद कबूतर देखने में बहुत सुन्दर लगते हैं तथा यह शांति का प्रतीक माने जाते हैं। कबूतर बहुत सीधे होते हैं तथा यह किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते। हमें कबूतरों से प्रेम करना चाहिए।