गाय 

Cow

निबंध नंबर:- 01
गाय एक घरेलू पशु है इसे भारत के लोग माँ के समान मानते हैं।
भारत देश में प्राचीन समय से अब तक गाय को पूजनीय व उपयोगी पशु माना जाता है। गाय आकार में छोटी, बड़ी, विभिन्न रंगों की, कई प्रकार की होती हैं। गाय के चार पैर दो सींग व ऐक लम्बी पूँछ होती है। गाय कई रंगों में पाई जाती है जैसे-काली, सफेद, भुरी तथा चितकबरी। इसके चार थन होते हैं। गाय विशेष रूप से  शाकाहारी पशु है। यह घास, दाना, अनाज, रोटी व भूसा खाती है। गाय बहुत सीधी होती है यह कभी भी किसी को नुकसान नहीं पहुँचाती। यह बहुत ही शांतिप्रिय पशु है। गाय हमें दूध देती है। इसका दुध मीठा और स्वादिष्ट होता है तथा इसका दूध जल्दी पचने के कारण विशेष रूप से बच्चों के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसका दूध अन्य लोगों के लिए भी बहुत उपयोगी होता है तथा यह काफी काम में आता है। इससे विशेष रूप से घी, मक्खन, पनीर, खाया के प्रकार की मिठाइयाँ बनायी जाती हैं। गाय के बछड़े बैल कहलाते हैं जो कि खेतों में हल जोतने तथा सामान ढोने, बैलगाड़ी चलाने के कामों में आते हैं। गाय का दूध स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इसका दूध पीने से बीमारी नहीं होती है। गाय एक बहुत सीधा और आदरणीय पशु है। इसका गोबर, मूत्र, दूधए सब कुछ पवित्र  माना जाता है। इसका गोबर उपले बनाने के काम आता है जिन्हें गाँव में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारत में गाय को माँ माना जाता है इसलिए यहाँ गाय की पूजा की जाती है। अतः हम सबका कर्तव्य है कि हम इसकी रक्षा करें।

निबंध नंबर:- 02 
गाय 

गाय का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्त्व है। गाय का पूरी दुनिया में ही काफी महत्त्व है, लेकिन भारत में गाय को देवी का दर्जा प्राप्त है। ऐसी मान्यता है कि गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का निवास है। गाय एक बहुत उपयोगी घरेलू पशु है। 


गाय न सिर्फ अपने जीवन में लोगों के लिए उपयोगी होती है वरन मरने के बाद भी उसके शरीर का हर अंग काम आता है। गाय का दूध बीमारों और बच्चों के लिए बेहद उपयोगी आहार माना जाता है। इसके अलावा दूध से कई तरह के पकवान बनते हैं। दूध से दही, पनीर, मक्खन और घी भी बनता है। गाय का घी और गोमूत्र अनेक आयुर्वेदिक औषधियां बनाने के काम भी आता है। गाय का गोबर फसलों के लिए सबसे उत्तम खाद है। गाय के चमड़ा, सींग, खुर से दैनिक जीवनोपयोगी सामान तैयार होता है। गाय की हड्डिहयों से तैयार खाद खेती के काम आती है।

निबंध नंबर:- 03

पवित्र गाय 
Pavitra Gaye 


भारत में बलवान वृषभ हों, बोझ उठाएँ भारी।अश्व बनें अनुगामी , दुर्गम पथ में विचरणकारी।जिनकी गति अवलोक लजाकर,हो समीर भी हारा।सब साधन से रहे समुन्नत भारत देश हमारा।

भारत देश में गाय का महत्त्व प्राचीन काल से ही रहा है।भगवान श्री कृष्ण का ग्वाला बनकर गायों को चराना, वशिष्ठ जी की कामधेनु गाय,जिसके ऊपर संग्राम तक हुआ था, भगवान श्री राम के पूर्वज राजा दिलीप की गौ- सेवा के बारे में सभी लोग जानते है। मुहम्मद गौरी ने भारतीयों की गाय के प्रति ऐसी आस्था को देखकर ही गायों का झुण्ड अपनी दुश्मन की सेना के सामने रखा था। सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख कारण भी गाय की चर्बी से बने कारतूस का प्रयोग करना था। गौ-पालन का उद्देश्य दूध प्राप्त करना है कि एक सबसे अच्छा पेय है। स्वास्थ्य के लिए इससे अच्छा अन्य कोई साधन नही है। इसके बछड़े अपने कन्धों के बल से खेेतों को जोतते है। तथा इनका उपयोग भारी बोझो को गाड़ीे के द्वारा एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जाता है।इसके गोबर को उपले बनाने, खेतों में खाद डालने तथा कच्चे घरों की दिवारों तथा फर्शों को लीपने के लिए किया जाता है।



गाय का इतना धार्मिक एवं आर्थिक महत्त्व होने पर भी वर्तमान में गाय के प्रति मानव-जाति का व्यवहार अच्छा नही है।गाय जब वृद्ध हो जाती है तो हम कुछ पैसों के लिए उसे वधकर्ताओं को बेच देते है। जब तक दूध तब तक आसके अनुसार हम उसकी सेवा करते है। लेकिन दूध न देने पर हम उसकी तरफ ध्यान भी नही देते। गाय को मारना-पीटना, समय पर चारा न डालन तथा उसके स्वास्थ्य के बारे में फिक्र न करना हमारे लिए शर्म की बात है। गाय के मरने के बाद उससे चमड़ा प्राप्त किया जाता है।जिससे जूते, हैण्ड बैग और कई प्रकार की सामग्रियाँ बनाई जाती है।विदेशों में हजारों गाये मांस और दूध के लिए काटी जाती है। हमारा कत्र्तव्य है कि अपने पूर्वजों की तरह हम भी गाय का आदर करें तथा उसके जीवन की रक्षा करें।गायों को पालकर और उसका दूध पीकर हम शक्तिशाली बनें। गाय के साथ दुव्र्यवहार करने वालों को प्यार से समझाये। हर्ष की बात है कि हमारी प्रान्तीय सरकार कुछ दिनों गौ-वध पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।आशा है कि भविष्य में गौ-वंश का उत्थान होगा।

निबंध नंबर:- 04

गाय निबंध 

Cow


गाय मनुष्य की प्राचीन काल से अभिन्न मित्र रही है। वह दूध देती है और उसका बछड़ा जब बड़ा होता है तब बैल बनता है और कृषि के काम आता है। गाय का गोबर, खाद व ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। उसका चमड़ा', हड्डियाँ व सींग और खुर भी लाभदायक होते हैं। उसके दूध से घी, दही, पनीर आदि बनता है। गाय के दूध से बहुत सारी स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनती हैं। गाय को माता माना जाता है तथा वह हिन्दुओं के लिए पूज्य है।

गाय बड़ी विनम्र होती है। वह पालतू जानवर है। उसे परिवार के एक सदस्य की तरह माना जाता है। प्राचीन समय में गायों की संख्या से व्यक्ति की सम्पन्नता का पता चलता था। गाय का शरीर शक्तिशाली होता है। उसके चार पैर होते है। गाय के शरीर पर छोटे-छोटे बाल होते हैं। उसके दो सींग व एक पूँछ होती है। उसकी आँखें बड़ी व खूबसूरत होती हैं। पैरों पर खुर होते हैं जो दो भागों में बँटे होते है। टाँगों के बीच में चार थन व चुचुक होते हैं। गाय का दूध अधिक स्वादिष्ट व पचने में आसान होता है। यह लोगों के लिए अच्छा होता है। विशेषकर बच्चों, बीमारों व गर्भवती महिलाओं के लिए यह लाभदायक होता है। इस दूध का प्रयोग कई प्रकार से होता है। यह पाउडर व रक्षित दूध के रूप में भी मिलता है।

गाय कई रंगों की होती है। वे संसार में सब जगह पाई जाती है। उसके बच्चे को बछड़ा कहते हैं। पुल्लिंग गाय को बैल कहते हैं। वह हल चलाने, बैलगाड़ी चलाने व रहट चलाने के काम आता है। यह बहुत बुरी बात है कि जब गाय दूध देना बन्द कर देती है तो उसे छोड़ दिया जाता है। हमें उनके साथ दया का व्यवहार करना चाहिए व उनकी देखभाल करनी चाहिए।

निबंध नंबर:- 05

गाय 
Cow


गाय एक पालतू पशु है। यह पालतू पशुओं में सर्वाधिक उपयोगी पशु है। गाय सम्पूर्ण विश्व में देखी जा सकती है। यह भारत में पाया जाने वाला मुख्य घरेलू पशु है। भारतीय गायें अपने रंग, आकार तथा आकृति में अन्य देशों की गायों से भिन्न हो सकती हैं। किसानों के जीवन का तो मुख्य आधार गाय है। यह किसानों के लिये सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। गाय शुद्ध शाकाहारी पशु है। यह घास, भूसा, खली, चारा खाती है तथा दूध देती है। गाय का दूध शरीर के लिये अत्यंत पौष्टिक होता है। किसान इसके गोबर का प्रयोग खेतों में खाद के रूप में करता है। गाय के गोबर से कंडे बनते हैं जो ईंधन के काम आते हैं। गाय के गोबर से अब तो उपयोगी गोबर गैस भी बनने लगी है। गाय का दूध, दही, मट्ठा, पनीर आदि बनाने के काम आता है। घी तथा विभिन्न मिठाइयाँ भी गाय के दूध से बनती हैं। गाय का दूध स्वयं में पूर्ण आहार है। नवजात शिशुओं के लिये यह दध ही प्रयोग किया जाता है। यह हड्डियों को मजबूती तथा दिमाग को स्फूर्ति देता है। गाय की खाल का प्रयोग चमड़ा बनाने में होता है। इसके चमड़े से जूते, चप्पल, जैकेट आदि बनाई जाती हैं। वास्तव में यह अत्यंत थोड़ा भोजन करती है किन्तु बदले में यह इंसान को उसके उपयोग की बहत सी वस्तुयें प्रदान करती है। भारत में तो यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्राणी है। श्रीकृष्ण के समय से ही गाय को एक उपयोगी पशु माना गया है। इसकी पूजा की जाती है। भारत में हिन्दू धर्म के अनुयायी गाय की पूजा करते हैं तथा इसे 'गौ' माता कहते हैं। यह हमारी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करती है। गाय का बछड़ा अब भी बहुत से स्थानों में हल जोतने के काम में लाया जाता है। यह अत्यंत सीधी होती है तथा किसी को हानि नहीं पहुँचाती है। हमारे लिये यह प्रकृति का एक वरदान है।