चूनाव स्थल का दृश्य
Chunav Sthal ka Drishya
भारत एक लोकतांत्रिक देश है। अतः इस देश की
सरकार जनता के मत से ही चुनी जाती है। जनता का मतदान पोलिंग बूथ पर कराया जाता
है।जनता द्वारा दिये गये मत से जिस प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं,
वे लोकसभा या विधानसभा में सरकार बनाते है और
सरकार देश का शासन चलाती है। और नागरिकों के कत्र्तव्यों को और अधिकारों को लागू
करती है। इसलिए किसी भी देश के भविष्य के लिए सरकार आवश्यक होती है। यह दल अपने
प्रत्याशी को बहुमत दिलवाने का प्रयास करते हैं। इसी को ‘वोटिंग व्यवस्था‘ कहा जाता है।सरकार को चुनने के लिए वोटिंग स्थलों का महत्वपूर्ण योगदान होता
है।
16 वी लोकसभा के
चुनाव के लिए 18 अपै्रल की तिथि
घोषित की गयी थी। मेरे मम्मी- पापा को भी वोट देना था।इस बार मतदान ‘इलेक्ट्राॅनिक मशीनों द्वारा होना था। और हम भी
यह जानना चाहते थे।कि इन मशीनों में सूची का भाग,क्रमांक, मकान नं.,
सूची का क्रमांक, नाम आदि की जानकारी किस प्रकार से होगी। वहाँ से वोटर पर्ची
लेकर मत स्थल पर जाता है जहाँ पर पुलिस व्यवस्था भी रहती है। एक-एक करके मतदाता
मतदान कमरे में जाते हैं।पहले टेबिल पर मतदान पार्टी का एक आदमी वोट देने वाले
व्यक्ति का नाम-पता देखकर उस लिस्ट में पुष्टि करता है। फिर दूसरा मतदानकर्ता हस्ताक्षर
करवाकर स्याही लगाता है और फिर तीसरा व्यक्ति मतदाता को मतदान करने के गुप्त स्थल
तक लेकर जाता है। मतदाता वहां अपने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट देने के लिए बटन
दबाता है। और वोट देकर बाहर निकल जाता है। इस प्रकार यह मतदान स्थल के अन्दर की
व्यवस्था होती है।
मतदान स्थल से 200 कि.मी. की दूरी पर विभिन्न पार्टियों के
एजेण्ट बैठे रहते है। वे लोगों को वोट देने जाने से पहले कई तरह के आकर्षण देते
रहते है। वे सुन्दर-सुन्दर पोस्टर लगाते हैं और इन पोस्टरों के जरिए वे अपनी-अपनी
पार्टियों का प्रचार करते है।इस बार हमने वहां एक बैनर देखा जिस पर लिखा था - ‘लक्ष्य अटल पर वोट कमल पर‘। तथा दूसरें बैनर पर लिखा था ‘ सोनिया गाधीं आयी है, नई रोशनी लायी है।‘दूसरे बैनर पर वोट डालने की प्रकिया लिखी थी।हमने सुना था-
‘‘हुई पीं की आवाज
बस वोट पड़ गया
हुआ न कोई लाग
डाँट
बस सहज में वोट
पड़ गया
न बिजली का झंझट
न करंट का डर
न वोट भीगने की
कठिनाई
बस आसानी से वोट
पड़ गया।‘‘
इलेक्ट्राॅनिक
मशीन से वोट पड़ने के कारण इस बार हमारे मुहल्ले में बहुत उत्साह था।
मोहल्ले में एक
बैनर लगा था जिस पर लिखा था -
कांग्रेस का हाथ,
आम आदमी के साथ।
इस तरह के
लुभावने पोस्टर बैनर सभी जगह लगे हुए थे।लोग बहुत दूर-दूर से वोट डालने के लिए बड़े
उत्साह के साथ आ रहे थें । कभी-कभी प्रत्याशी कार्यकत्र्ता वोटरों को खींचकर
अपने-अपने बस्तों में ले जा रहे थे। कहीं-कहीं विवाद तथा संवाद की हालात थे,
और कहीं-कही कोलाहल सुनाई दे रहा था।मतदान स्थल
पर लगी भीड़ इस बात का प्रमाण था कि भारत जैसे देश में भी लोकतंत्र के प्रति कितनी
आस्था है।सामने की एक दूकान पर हमने देखा कि कुछ लोग वोटरों को आकर्षित करने के
लिए भोजन के पैकिट बांट रहे थे।दूसरें दलों के लोगों ने इसका विरोध किया और वहां
विवाद हो गया।पुलिस ने इस समस्या पर गंभीर रुख धारण किया।
लोकतंत्र में
चुनाव का महत्व है तो वोट डालना प्रत्येक नागरिक का कत्र्तव्य भी है। अतः चुनाव
आयोग को चाहिए िकवह स्वस्थ परम्पराओं का पालन करते हुए निष्पक्ष चुनाव करवाये और
पुलिस प्रशासन भी बिना भय के वोट डालने का, अपने कत्र्तव्य का निर्वाह करे। मतदान स्थल पर पहुँच कर
निष्पक्ष रूप से अपने मत का प्रयोग करना ही जनता का कत्र्तव्य है।
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