दूरदर्शन 
Doordarshan 

दूरदर्शन पूर्णतया 20वीं सदी की देन है। इसका आविष्कार प्रसिद्ध वैज्ञानिक जाॅन बेयर्ड ने किया था। यह रेडियो की तरह का ही एक यंत्र है। इस यंत्र में सिनेमा की तरह ही उसकी साइज के अनुसार एक पर्दा लगा हुआ रहता है। इसके पास ही दो प्लग लगाये जाते है। जिनमें से एक प्रकाश किरणों से तथा दूसरा आवाज से संबंधित होता है। यह सफेद-काला और रंगीन दो तरह का होता है। वर्तमान में रंगीन दूरदर्शन अधिक प्रचलन में है।

इसकी प्रक्रिया रेडियो से बहुत मिलती-जुलती है। रेडियो की तरह इसके भी कार्यक्रम संचालन के विभिन्न केन्द्र होते है, जहाँ से कार्यक्रम प्रसारित किये जाते है। इन केन्द्रो पर प्रसारित किये जाने वाले प्रोग्राम को विद्युत तरंगों द्वारा दूरदर्शन यंत्र तक लाया जाता है, जहाँ पर प्रकाश किरणों के कारण इन्हें देखा तथा ध्वनि किरणों के कारण सुना जाता है।

आज के व्यस्त जीवन में इसका महत्व बहुत अधिक है। इसके जरिये घर बैठे-बैठे ही दूर के कार्यों को देखा व सुना जा सकता है। इसके माध्यम से फिल्में, नाटक, हास्य-व्यंग्य, कवि सम्मेलन, महाभारत, रामायण आदि कई तरह के सामाजिक व ऐतिहासिक धारावाहिक देखकर हम मनोरंजन कर सकते है। सामाजिक रीति-रिवाज व सामाजिक विषयों पर भी इसमें चर्चा की जाती है। विज्ञापन देकर व्यापारी लोग भी इसका लाभ उठा सकते है। इसकी सहायता से भूगोल, इतिहास, भाष, समाजशास्त्र, विज्ञान आदि विषयों से संबंधित जानकारियां भी विद्यार्थियों की दी जाती है। अतः दूरदर्शन से एक ओर जहाँ शिक्षा कार्य सरल और प्रभावशाली हो गई है, वहीं इससे मनोरंजन भी होता है।इस तरह से यह शिक्षा में बहुत उपयोगी है।

इसमें कई कमियाँ भी देखी गयी है। यह यंत्र काफी महँगा होने के कारण जनसाधारण की पहुँच बाहर है। इसमें शिक्षा का केवल एक पक्ष ही सक्रिय रहता है और दूसरा पक्ष निष्क्रिय रहता है। अतः इससे सैद्धान्तिक शिक्षा आसानी से नही दी जा सकती। विद्यार्थी को किसी भी प्रकार की कोई शंका हो तो उसे उसका समाधान पूछने का मौका नही मिलता है। इसके माध्यम से कोई भी विषय पूर्णतया नही पढ़ाया जा सकता है।

इन कमियों को थोड़ से तकनीकी प्रयत्नों से दूर किया जा सकता है। और यह शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत उपयोगी होगा। अतः यह कहा जा सकता है कि दूरदर्शन आधुनिक विज्ञान का एक बहुत उपयोगी यंत्र है और हर दिन एक नये विकास के पथ पर अग्रसर है। इसी तरह यह हमेशा जन-जन की सेवा करता रहेगा।