कृत्रिम रंगीन फव्वारा 
Artificial Colored Fountain

एक गोल तली का काँच का बरतन (Round bottom Flask) लीजिए.. जिसमें रबर का कॉर्क लगा हो और काँच की नली फिट की हुई हो । नली को इस प्रकार लगाएँ कि वह लगभग फ्लास्क के मध्य भाग तक पहुँचती हो। इस फ्लास्क में अमोनिया गैस भरी जाती है। इस फ्लास्क को स्टैंड पर इस प्रकार उलटा कस देते हैं कि नली नीचे रखे टब के जल में डूबी रहे। अब इस फ्लास्क के ऊपर ठंडा जल डालें तो शीघ्र ही फ्लास्क के अंदर फव्वारा फूट पड़ेगा। इस विचित्र फव्वारे के पीछे भौतिक-रासायनिक क्रिया है। अमोनिया गैस ठंडी होने पर गैस से द्रव रूप में बदलती है। 


द्रव में बदलते ही फ्लास्क में वायुदाब कम हो जाता है, जिसकी आपूर्ति के लिए जल नली में चढ़कर फव्वारे के रूप में निकलने लगता है। यदि टब के जल में संकेतक (Indicator) फिनाफ्थेलीन मिला दिया जाए तो वह अमोनिया से संयोग कर फव्वारे के जल को गुलाबी रंग भी प्रदान करता है। फिनाफ्थेलीन क्षार से मिलकर गुलाबी रंग देता है। इस तरह आप सर्वप्रथम रंगहीन तथा रंगहीन को रंगीन फव्वारे में बदलकर अपने दर्शकों को आश्चर्य में डाल सकते हैं।