कम्प्यूटर के लाभ
Computer ke Labh

आज के युग को कम्प्यूटर का युग कहा जाता है। आज कम्प्यूटर मानव का भी निर्माण हो चुका है। वायुयान, मिसाइल और अन्य सभी प्रकार के प्रेक्ष्यपास्रांे तक पर कम्प्यूटर का नियंत्रण रहता है। कहा जाने लगा है कि जिस कार्य को हजारों लोग मिलकर, कई महिनों में पूरा कर सकते है उसी कार्य को एक कम्प्यूटर कुछ ही पलों में कर सकता है, और बिना किसी त्रुटि के। इसीलिए कम्प्यूटर किसी एक क्षेत्र तक सीमित न रहकर सभी क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है।

प्रारम्भ में इसे मानव मस्तिष्क कहा जाता था।और इसका प्रयोग केवल गणित या हिसाब-किताब की कुछ उलझनों को सुलझाने में ही किया जाता था। लेकिन अब तो इसका प्रयोग हर तरह के कार्य में किया जाता है। हिसाब-किताब जोड़ना, बिल बनाना, कम्युनिकेशन्स, रेलवे आरक्षण, समाचार पे्रषण, अपराध और अपराधों के निराकरण जैसे कार्यो में इसका प्रयोग किया जाने लगा है। इस तरह से स्तष्ट है कि कम्प्यूटर आज बहुआयामी हो गया है। यह जीवन के हर क्षेत्र में तीव्र गति से बढ़ रहा है।

यहां तक कहा जाता है कि यदि भविष्य में कभी कोई विश्वयुद्ध हुआ तो वह भी कम्प्यूटर द्वारा ही किया जायेगा। कम्प्यूटर ने आज छपाई के क्षेत्र में एक क्रांति सी ला दी है। आज मैटर कम्पोज करने का काम कम्प्यूटरीकृत हो चुका है, तथा छपाई का कार्य भी इसी की सहायता से होने लगा है। इसीलिए छपाई का काम बहुत सुन्दर तथा आकर्षक हो गया है। कम्प्यूटर के कदम जिस क्षेत्र में भी पड़े है, उसमें एक नयी नवीनता के साथ-साथ सुन्दरता और आकर्षण भी आ गया है।

कम्प्यूटर के इस लगातार बढ़ते प्रयोग को देखकर ऐसे अनुमान भी लगाये जा रहे है कि इसके प्रयोग से मानव शक्ति और उसके कार्य पर भी पड़ेगा । इसके प्रयोग से जरूरतमंद लोगों को रोजगार मिलना बंद हो जायेगा । कम्प्यूटर लोगों के लिए बेकारी का कारण बन जायेगा। जब अनेक लोगों का काम एक अकेला कम्प्यूटर ही कर लेगा तो अनेक लोगों को बेकारी का सामना करना ही पड़ेगा। लेकिन कम्प्यूटर समर्थक दस प्रकार की आशंकाओं को निर्मूल बताते है। और इस तरह का परिणाम अभी तक तो सामने आया भी नही है।

लेकिन कम्प्यूटर में छोटी सी गलत जानकारी देने पर जो परिणाम प्राप्त होते है वे बहुत गलत होंगे। इससे निर्दोष आदमी भी दोषी साबित हो सकता है। और दोषी व्यक्ति निर्दोष साबित हो सकता है। कम्प्यूटर द्वारा की गयी गलती जानलेवा भी हो सकती है। जैसे कि छत्तीस रुपये के बिल को छत्तीसों या छत्तीस हजार का बना देना एक बहुत ही बड़ी गलती है। समाचारों में इस प्रकार की गलतियँा प्रायः सुनने को मिलती रहती है।

निष्कर्ष यह है कि कम्प्यूटर आज जीवन के हर क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है। और एक बार जो बाजार में प्रवेश कर जाती है, वह वापस नही जाया करती है। इसलिए कम्प्यूटर का प्रयोग तो लगातार बढ़ेगा ही। हमें इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इसके दुष्परिणाम मनुष्य के जीवन पर न पड़े,इसकी गलतियों का खामियाजा मनुष्यों को ना चुकाना पड़े।