प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 
Pradhanmantri Fasal Bima Yojana 

भारत में कृषि प्रकृति पर निर्भर करती है। दूसरें देशों की तरह यहाँ के किसान सुरक्षित नहीं है। कभी अति वृष्टि, कभी सूखा, कभी टिड्डी दल, कभी सिंचाई के साधनों की कमी और कभी खराब बीज आदि कारणों सेस किसानों की फसल नष्ट हो जाती है। और हर साल हजारों किसान आर्थिक संकट के कारण आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाते है।

यद्यपि केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकारंे मिलकर , बेहतर बीज, बेहतर सिंचाई के साधन आदि पर कार्य कर रही है, लेकिन इसके बावजूद भी भारतीय किसान अनिश्चितता भरा जीवन जीता है। कभी खड़ी फसल पाला पड़ने से तो कभी बेमौसम बारिश के कारण खराब हो जाती है। और कभी-कभी प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त बाजार में उत्पाद के गिरते हुए मूल्य के कारण उन्हें उचित लाभ नही मिल पाता है। कभी-कभी तो साहूकार द्वारा दिये गये कर्ज के बदले वह खड़ी फसल पर ही अधिकार कर लेता है। हर दिन अखबारों में किसानों की आत्महत्या करने की खबरें तो आते ही रहती है।

हम यह कहते है कि भारत गाँवों में बसता है। और भारत की कुल आबादी का लगभग 75 प्रतिशप लोग गाँवों में निवास करने के कारण किसानी ही करते हैं।

प्राकृतिक और मानव जनित आपदा से किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई सालों से फसल बीमा योजनाचलायी जा रही है। लेकिन कई कारणों के चलते सभी किसान इस योजना का लाभ नही उठा पाते है। एक अनुमान के अनुसार केवल 20 प्रतिशत किसान इस योजना से जुड़ पाये हैं जिन्हें भी अपेक्षित लाभ नही मिला है।

इस योजना के अन्तर्गत कभी तो प्रीमीयम की दर बहुत अधिक होती है और कभी नुकसान की दावा राशि बहुत कम मिल पाती है। इन समस्याओं का कारण है कि बीमा कम्पनियाँ स्थानीय आपदा का आकलन सही से नही करती है। ऐसे हालात में किसानों को अपना हक लेने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिसके फलस्वरूप किसानों का बीमा योजना से ही विश्वास उठ जाता है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं-

ऽ किसानों से मात्र 10 प्रतिशत प्रीमियम ही लिया जायेगा।
ऽ शेष 90 प्रतिशत प्रीमियम की राशि सरकार द्वारा भरी जायेगी।
ऽ खाद्यान्न, तिलहन, दलहन फसलों हेतु एक मौसम एक दरहोगी। पहले जिलेवार और फसलवार, अलग-अलग दर निर्धारित की गई है।
ऽ खरीफ की फसलों के लिए सिर्फ 2 प्रतिशत और रबी की फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत निर्धारित की गई है।
ऽ बीमा पर कोई कैंपिग नहीं होगी और इसलिए दावा राशि में कटौती नहीं की जा सकेगी।
ऽ पहली बार जल भराव को स्थानीय जोखिम में शामिल किया गया है और इसके कारण भी बीमा राशि का हक होगा।
ऽ देश भर में फसल कटाई के बाद चक्रवात या बेमौसम वर्षा को भी जोखिम में शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से देश भर के दूूर-दूर के क्षेत्रों के किसानों को भी लाभ मिलेगा। और किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर नही होना पड़ेगा।

यह योजना किसानों के व्यापक हित में है।