प्रौढ़
या वयस्क शिक्षा पर भाषण
Adult Education Speech
आदरणीय महानुभावों, प्रधानाध्यापक, शिक्षक एंव शिक्षिकाएं और मेरे प्यारे साथियों को सुबह की नमस्ते। मेरा नाम.........
है। मैं कक्षा..........पढ़ता/पढ़ती हूँ।
हम सभी यहाँ इस अवसर को मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, मैं इस अवसर पर प्रौढ़ शिक्षा के विषय पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। हमारा देश, भारत आर्थिक विकास और प्रौढ़ साक्षरता की कमी के कारण अभी भी विकासशील देशों की श्रेणी में आता है। प्रौढ़ शिक्षा देश के विकास के रास्ते में प्रमुख सामाजिक मुद्दों में से एक है। समाज में प्रौढ़ शिक्षा के बारे में जागरुकता फैलाना बहुत आवश्यक है क्योंकि शिक्षा ही वो अकेला यंत्र है, जो देश के प्रत्येक कोने को जगमगाता है। वयस्क समाज का एक बहुत बड़ा भाग है और हम यह कह सकते हैं कि इस वर्ग का बहुत बड़ा प्रतिशत अशिक्षित है जिसके कारण भारत की आर्थिक स्थिति कमजोर है। हमारे देश में यही उच्च अनपढ़ वर्ग विकास पर गंभीर असर का कारण बनता है। देश का विकास देश में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति के वैयक्तिक विकास पर निर्भर करता है। समाज के कमजोर वर्ग को अच्छी शिक्षा देने के द्वारा उन्हें सूचनाएं प्रदान करने के साथ ही जागरुक बनाकर ऊपर उठाने की आवश्यकता है। उन्हें जीवन में स्वंय के शिक्षित होने के महत्व के बारे में ज्ञान दिया जाए और अपने बच्चों के लिए कठोर मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। भारत की सरकार के द्वारा प्रौढ़ शिक्षा को प्रोत्साहित करने और इसके बारे में लोगों को सूचना देने के साथ ही जागरुकता फैलाने के लिए विभिन्न स्थानों पर कैंम्पों के प्रबंधन, विशेष कक्षाएं आदि के द्वारा बहुत से कदम उठाये गए हैं। कुछ लोग इसलिए पढ़ाई नहीं करते क्योंकि उनकी प्रतिदिन की आय बहुत कम होती है जो कि दो वक्त के भोजन के लिए भी पर्याप्त नहीं होती, इस प्रकार की स्थिति में उन्हें प्रौढ़ शिक्षा को प्राथमिकता बनाने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्हें जीवन भर सीखने और कुछ नयी-नयी खोज करने के साथ ही वैयक्तिक और देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। पहले, भारत में शिक्षा व्यवस्था बहुत ही बेकार थी जिसमें कुछ भाग्यशाली लोगों को ही स्कूल में अच्छी शिक्षा मिल पाती थी, जबकि निचली जाति के लोगों को स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी, इस व्यवस्था ने निरक्षर और साक्षर लोगों की भीड़ बहुत बड़ा अन्तर पैदा कर दिया। कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के लिए पढ़े-लिखे व्यक्तियों द्वारा बहुत कम वेतन पर नौकरी दी जाती थी। इस प्रक्रिया के लम्बे प्रचलन के बाद, कमजोर वर्ग के लोग समय के साथ और भी कमजोर हो गए। भारत बहुत अधिक जनसंख्या वाला देश है, इसलिए भारत के सभी निरक्षर व्यक्तियों को शिक्षित करना बहुत ही कठिन कार्य है।
2008 के सर्वे के अनुसार, यह पाया गया कि पूरे विश्व के लगभग
28% अनपढ़ लोग अकेले भारत में है। भारत में आज भी लगभग 45,000 गाँव बिना किसी प्राथमिक विद्यालय के हैं। भारत की गरीबी की हालत को देखते हुए, प्रौढ़ शिक्षा एक बहुत बड़ी आवश्यकता है। यह भी बहुत स्पष्ट है कि, प्रौढ़ लोग भी अपनी निम्न आर्थिक स्थिति और समय की कमी के कारण पढ़ाई में रुचि लेने को तैयार नहीं है। इस तरह की स्थिति में, विशेष जागरुकता कार्यक्रमों को आयोजित करने की आवश्यकता है, जिसमें अशिक्षित लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में अधिक से अधिक बताया जाए। सरकार ने सबसे पहले प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम को 1978 में शुरु किया था जिसमें लगभग 94,000 केन्द्रों को शामिल किया गया था, जिसके बाद आज भी देश में बहुत से लोग अशिक्षित है। अधिक से अधिक प्रौढ़ों को शिक्षा की ओर प्रभावित और प्रोत्साहित करने के लिए रुचिकर वस्तुएं जैसे टीवी, ऑडियो, वीडियो आदि का अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए।
धन्यवाद।
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