बाल
दिवस पर भाषण
Speech on "Children's Day"
आदरणीय
प्रधानाध्यापक, सर, मैडम और मेरे प्यारे
मित्रों को मेरा नम्र
नमस्कार। मैं बाल दिवस के इस अवसर
पर, बाल दिवस उत्सव और बच्चों के
महत्व पर अपने विचार
प्रस्तुत करना चाहता/चाहती हूँ। मैं अपने कक्षा अध्यापक का/ की बहुत आभारी
हूँ, जिन्होंने मुझे आप सभी के
सामने इस महान अवसर
पर अपने विचार रखने का अवसर प्रदान
किया।
बाल दिवस विभिन्न देशों में भिन्न तिथियों को मनाया जाता
है हालांकि, यह भारत में
हर साल 14 नवम्बर को पंडित जवाहर
लाल नेहरु के जन्मदिन के
अवसर पर मनाया जाता
है। 14 नवम्बर स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री
पं. नेहरु का जन्मदिन है
जिसे बाल दिवस के रुप में,
पूरे भारत में, हर साल मनाया
जाता है। जबकि, 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल
दिवस के रुप में
और वहीं 20 नवम्बर को यूनिवर्सल बाल
दिवस के रुप में
मनाया जाता है। पं. जवाहर लाल नेहरु बच्चों के सच्चे दोस्त
थे। वह बच्चों के
साथ खेलना और बातें करना
पसंद करते थे। वह भारत के
प्रधानमंत्री थे हालांकि, देश
के प्रति अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का पालन करते
हुये भी, बच्चों के बीच में
रहना पसंद करते थे। वह बहुत ही
मिलनसार व्यक्ति थे, हमेशा बच्चों को देश का
देशभक्त और सुखी नागरिक
बनने के लिए प्रेरित
और प्रोत्साहित करते थे। बच्चे उनके प्रेम और स्नेह के
कारण उन्हें चाचा नेहरु कहते थे। वह अपने पूरे
जीवन भर गुलाबों और
बच्चों के शौकीन थे।
एक बार उन्होंने कहा था कि, बच्चे
बगीचों की कलियों की
तरह होते हैं। वह देश में
बच्चों की स्थिति को
लेकर बहुत चिन्तित थे क्योंकि वह
बच्चों को देश का
भविष्य समझते थे। वह चाहते थे
कि, देश के उज्ज्वल भविष्य
के लिए बच्चे बहुत ही सावधानी और
प्यार से उनके माता-पिता के द्वारा पोषित
किए जाये। वह बच्चों को
देश की वास्तविक ताकत
समझते थे। वह लड़की और
लड़कों दोनों को समान रुप
से प्यार करते थे और राष्ट्र
के वास्तविक विकास के लिए उन्हें
समान अवसर प्रदान करने में विश्वास करते थे। बच्चों के लिए उनका
वास्तविक प्यार चाचा नेहरु नाम (पैट नेम) प्राप्त करने का कारण बना।
उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए, 1964 में
मृत्यु के बाद से,
उनका जन्मदिन बाल दिवस के रुप में
पूरे भारत में मनाया जाने लगा। यह विभिन्न प्रकार
की गतिविधियों जैसे; गायन, लघु नाटक, नृत्य, निबंध, भाषण आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन करके
मनाया जाता है। बाल दिवस उत्सव का आयोजन देश
के भविष्य के निर्माण में
बच्चों के महत्व को
बताता है। इस उत्सव का
आयोजन करने का उद्देश्य सभी
भारतीय नागरिकों के लिए अपने
छोटे बच्चों को, सभी हानियों से बचाकर उन्हें
बेहतर बचपन प्रदान करने के द्वारा उनकी
सुरक्षा करना है। आजकल, बच्चे बहुत प्रकार की सामाजिक बुराईयों
का शिकार हो रहे हैं
जैसे: ड्रग, बाल शोषण, शराब, यौन, मजदूरी, हिंसा आदि। वे बहुत ही
छोटी उम्र में थोड़े से रुपये प्राप्त
करने के लिए कठिन
परिश्रम करने के लिए मजबूर
किए जाते हैं। वे स्वस्थ्य जीवन,
अभिभावकों के प्यार, शिक्षा,
और अन्य बचपन की खुशियों से
वंचित रह जाते हैं।
बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पत्ति
होने के साथ ही
भविष्य और कल की
उम्मीद हैं, इसलिए उन्हें उचित देखरेख और प्यार मिलना
चाहिए।
धन्यवाद।
1 Comments
Udhar Diye Pass per Patra
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