ग्लोबल
वार्मिंग भाषण
Speech on Global Warming
मेरे आदरणीय अध्यापक और अध्यापिकाएं और मेरे प्यारे साथियों, सुबह की नमस्ते। मैं इस अवसर पर ग्लोबल वार्मिंग पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ।
ग्लोबल वार्मिंग पूरे विश्व में निरंतर बढ़ता हुआ पर्यावरणीय विषय है। इसके लिए कोई एक देश जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इस समस्या को बढ़ाने के लिए पूरे विश्व के देश जिम्मेदार हैं। असल में ग्लोबल वार्मिंग की वजह से और हमारी कुछ दैनिक गतिविधियों के कारण, पृथ्वी के तापमान में एक वैश्विक वृद्धि हुई है। हमारी बहुत सी गतिविधियाँ पृथ्वी को गरम करती हैं जो अंततः इसके तापमान में वृद्धि करती है। तापमान में अधिकता तब होती है जब ग्रीन हाउस गैसें (जैसे; कार्बन डाई ऑक्साइड, जल वाष्पीकरण, न्यूट्रीयस ऑक्साइड, मीथेन आदि) हमारे चारो ओर के प्रकाश और सूर्य की ऊष्मा के जाल को ग्रहण करती है। अंततः तापमान में वृद्धि इंसानों, पशुओं और पेड़-पौधों के जीवन को नुकसान पहुँचाती है। ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने के बहुत से कारण है हालांकि, कुछ प्रारम्भिक और मुख्य कारकों में ग्रीन हाउस प्रभाव को माना जाता है। ग्रीन हाउस प्रभाव, ग्रीन हाउस गैसों, कार्बन डाई ऑक्साइड, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, मीथेन, नाईट्रस ऑक्साइड आदि गैसों के द्वारा उत्पन्न होता है। इस तरह की ग्रीन हाउस गैसें हमारी प्रतिदिन की गतिविधियों के कारण उत्पन्न होती हैं और वातावरण में ये पृथ्वी के आवरण के रुप में उपस्थित हो जाती है जो फिर से सूर्य की गर्म किरणों को सोखती हैं और इस पृथ्वी को जलती हुई धरती बना देती हैं। अवशोषित ऊष्मा जीवमंडल के निचले घेरे में रहती है और तापमान के स्तर में वृद्धि करती है। आंकड़ों के अनुसार, ये अनुमान लगाया गया है कि 2050 तक पृथ्वी के तापमान में वृद्धि लगभग 4 डिग्री से 5 डिग्री सेल्सियस होगी। पिछली 5 शताब्दियों में, इसमें लगभग 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है जबकि, इसका आधा तापमान केवल 20वीं शताब्दी में बढ़ा है। इसलिए, ग्लोबल वार्मिंग अपनी चरम सीमा पर है और अपने बुरे प्रभावों से हमें निरन्तर सतर्क कर रही है। ये संसार के लगभग सभी भागों को प्रभावित कर रही है और समुद्र के स्तर में वृद्धि, ग्लेश्यिर का पिघलना और भी बहुत से कारण जो तराई द्वीपों को घेरे हुये हैं। ये विशाल जंगलों को नष्ट करने के साथ ही शैवालों की हत्या और अम्लीय वर्षा का कारण बन रही है। अम्लीय वर्षा बहुत ही खतरनाक है जो अपने सम्पर्क में आने वाले सभी पदार्थों को नष्ट कर देती है। ग्लोबल वार्मिंग प्राकृतिक आग का कारण होती है जो पूरे जंगलो को जला सकती है। पृथ्वी के तापमान में लगातार वृद्धि कृषि फसलों, जंगलों, जलीय जन्तुओं के जीवन और पृथ्वी पर जीवन वृद्धि को प्रभावित करती है। ये समस्या केवल एक देश के प्रयास के द्वारा नहीं सुलझायी जा सकती, इसे कम करने और पूरी तरह से खत्म करने के लिए सभी देशों के वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है।
धन्यवाद।
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