अपने छोटे भाई को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने हेतु एक
पत्र लिखें।
35-लोधी कलोनी,
नई दिल्ली।
अगस्त 5, 20....
मेरे प्यारे सुभाष,
तुम्हारे अध्यापक द्वारा भेजी गई तुम्हारी तरक्की की रिपोर्ट प्राप्त
हुई। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि तुम आंतरिक परीक्षा में प्रथम आए हो। किन्तु
इस सब की कीमत तम्हारी सेहत ने चुकाई है। इस प्रकार का फायदा नुकसानदय है। सेहत
जीवन की अनमोल वस्तु है।
खुद को शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए तुम्हे खेलों में भाग लेना
चाहिए। खेलें हमें ऐसी बहुत सी चीजें सिखाती हैं जो हम कक्षा में नहीं सीख पाते।
खेलें हमारे मन को तरोताज़ा कर देती हैं। यह हमें समय के पाबंद तथा एक-दूसरे का
साथ देना सिखाती हैं। हमें यह सिखाती हैं कि किस प्रकार नियमों में रह कर कार्य
करना चाहिए। हमें एक साथ जीत तथा हार का महत्त्व समझ आता है। किसी ने सही ही कहा
है कि तन्दरुस्त शरीर में ही तन्दरुस्त मन का वास होता है। हर समय केवल पढ़ते रहना
तथा बिलकुल न खेलने से व्यक्ति कमज़ोर बन जाता है।
मुझे आशा है कि तुम मेरी सलाह पर विचार करोगे तथा खेलों में भाग
लोगे।
प्रेम सहित।
तुम्हारा प्यारा भाई,
अरुणजीत।
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