विज्ञान के चमत्कार 
Vigyan ke Chamatkar 

प्रस्तावना

 

 मनुष्य ने अपने आवश्यकताओं के अनुरूप आदि काल से ही नए-नए आविष्कार किए हैं । आज का युग विज्ञान का युग है । 21वीं सदी में मनुष्य ने इतनी प्रगति कर ली है कि चारों तरफ  चमत्कार देखने को मिलते हैं। विज्ञान के आविष्कार से जहां एक और मनुष्य का जीवन सुखमय हुआ है वही मनुष्य के समय की काफी बचत भी हुई है तथा यह फैला हुआ विश्व है एक परिवार की भांति सिमट गया है । यह चमत्कार विज्ञान की मदद से संभव हो सका है। आज हम हजारों किलोमीटर की यात्रा कुछ घंटों में हवाई जहाज से कर सकते हैं।

विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान के कार्य:-

 

चिकित्सा के क्षेत्र में

 

चिकित्सा के क्षेत्र में मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से बहुत उन्नति कर ली है।विज्ञान के नए नए शोधों के चलते मानव हर दिन एक नई मुसीबत से छुटकारा पा लेता है। आज कई प्रकार के अंग प्रत्यारोपण विज्ञान द्वारा ही संभव हो पाए हैं जिसने मनुष्य के जीवन को स्वस्थ और दीर्घ बनाया है । जो काम पहले सर्जरी से ही संभव होते थे वे अब अत्याधुनिक तकनीक के द्वारा दर्दरहित लेज़र किरणों से सम्पन्न किए जा रहे है | 20 साल पहले मलेरिया जहां जानलेवा बीमारी मानी जाया करती अब विज्ञान की प्रगति के साथ मलेरिया एक आम बीमार बनकर रह गई हैं।

यातायात के क्षेत्र में

 

आज विज्ञान यातायात के क्षेत्र में दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहा है।  पहले जहां लोग बैल गाड़ियों, घोड़े पर सवारी करते थे, वहीं आजकल परिदृश्य पूरी तरह बदल गया है। डीजल पेट्रोल जैसे ईंधन के आविष्कार के बाद तो तस्वीर ही पूरी तरह बदल गई है। जिस क्षेत्र की यात्रा को करने में मनुष्य दिनों व महीनों को लगाता था आज के समय में उस यात्रा को घंटों में ही पूरा कर लेता है। मोटर कार, हवाई जहाज, रेलगाड़ी, बस, पानी के जहाज, हैलिकोप्टर आदि सभी यातायात के प्रमुख साधन हैं। इन साधनों ने सारे संसार को सीमित करके एक धागे में बांध दिया है। आज के समय में सारा संसार एक राष्ट्र-सा लगने लगा है।

संचार के क्षेत्र में

 

संचार के क्षेत्र में भी विज्ञान ने एक अद्भुत प्रगति की है।पहले जहां तार वाला टेलीफोन चलता था वही अब सबके हाथों में मोबाइल फोन देखने को मिलता है। पहले जिस समाचार को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुँचाने में दिन और महीने लगते थे लेकिन आज उस समाचार को पहुँचाने में मिनट या सेकेण्ड लगते हैं। ऑनलाइन न्यूजपेपर, ऑनलाइन न्यूजसाइट पर एक क्लिक पर खबरों का संसार मौजूद है। वैश्वीकरण के इस दौर में दुनिया के चप्पे-चप्पे की खबर हम अपने मोबाइल की एक बटन दबाते ही जान लेते हैं। फेसबुक, ट्विटर, वाट्सऐप के सहारे चाहे हम अपने सगे संबंधियों से कितने ही दूर क्यों न हों। पर इन सबके माध्यम से अब हम उनसे 24 घंटे जुड़े रह सकते हैं।

औद्योगिक क्षेत्र में

 

विज्ञान ने सुख के उपयोग के लिए अनेक प्रकार की सामग्री जुटाई है।औद्‌योगिक क्षेत्र में मशीनों के आविष्कार ने तो क्रांति ही ला दी है । आज इनके प्रयोग से औद्‌योगिक क्षेत्र की उत्पादन क्षमता कई गुना बढ़ गई है । पहले लोग ऊन या फिर सूत के वस्त्र पहनते थे। लेकिन अब नाइलोन और टैरालीन के वस्त्र पहनते हैं। वह कार्य जो कभी सैकड़ों लौगों द्‌वारा किया जाता था आज केवल एक मशीन द्‌वारा हो रहा है । मशीनों के प्रयोग से उत्पादों की गुणवत्ता में भी निरंतर सुधार हो रहा है ।

कृषि के क्षेत्र में

 

कई आविष्कारों और खोजों ने किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाली फसल विकसित करने में मदद की है।आज के समय में ऐसी मशीनें बन गई हैं जो जोतने, फसल काटने, अनाज तैयार करने आदि का काम करती हैं। कृषि के क्षेत्र में हो रहे निरंतर अनुसंधान ने उन्नत बीज प्रदान किए हैं तथा अनेक प्रकार के रासायनिक खाद का निर्माण हुआ है जिससे कृषि की उत्पादन क्षमता पर अच्छा प्रभाव पड़ा है । कीटनाशक दवाईयों का छिडकाव करके फसलों को रोगों से बचाया जाता है। रासायनिक खाद से फसल दुगुनी-चौगुनी पैदा की जा सकती है।

अभिशाप के रूप में

 

किसी चीज की अधिकता भी नाश का एक प्रमुख कारण होती है। जहां एक ओर विज्ञान के बहुत से चमत्कार देखने को मिलते हैं, वही विज्ञान से कुछ नुकसान भी है। विज्ञान ने जितने भी साधन मनुष्य को उपलब्ध कराए हैं वो सभी उसके सुविधा के लिए ही उपलब्ध कराए गये हैं लेकिन अगर उनका उपयोग गलत ढंग से और ज्यादा किया जायेगा तो वे हमारे लिए घटक सिद्ध होते हैं।

 हमारे देश में हजारों लाखों फैक्ट्रियां हर दिन रासायनिक कचरा और अन्य प्रकार का दूषित कचरा नदियों में छोड़ रही है। इससे नदियों का जल दूषित हो रहा है। यातायात के साधनों ने जहाँ पर मनुष्य के समय की बचत की है तो वहीं पर उससे अनेक दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं।विज्ञान के कई अन्य दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं। विज्ञान की मदद से एक मशीन 20 से 50 लोगों के बराबर का काम अकेले ही कर लेती है।   प्राचीनकाल के युद्धों में केवल सेना को नुकसान पहुंचाया जाता था लेकिन आज ऐसे शस्त्रों का निर्माण किया गया है जिनकी वजह से अबोध जनता, पशु-पक्षी, सारा प्राणी जगत ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।

उपसंहार

 

विज्ञान के बहुत से चमत्कार हमें देखने को मिलते हैं। विज्ञान के नित नए आविष्कार हमारे जीवन में प्रतिदिन चमत्कार उत्पन्न कर रहे हैं।विज्ञान हमारे लिए वरदान भी होता है तो अभिशाप भी होता है।विज्ञान ने जितने भी साधनों का आविष्कार किया है वो सभी हमारे लिए वरदान सिद्ध हुए हैं लेकिन अगर हम उन साधनों का अनुचित प्रयोग करते हैं तो वो हमारे लिए अभिशाप बन जाते हैं। हमें अपनी जीवन शैली को अच्छा बनाने और सुविधाजनक बनाने के लिए विज्ञान का उपयोग करना चाहिए बजाए किसी को दुःख देने के।