निबंध लेखन व अंग
Parts of Hindi Essay Writing
निबंध विचारों, भावों और घटनाओं का सूत्रबद्ध धाराप्रवाह स्वरूप है। इनमें विषय के अनुरूप कभी विचार, कभी तर्क तो कभी कल्पना को। अधिक महत्त्व दिया जाता है।
निबंध में शीर्षक का बड़ा महत्त्व है। शीर्षक संक्षिप्त, आकर्षक तथा उत्सुकता जगाने वाला होना चाहिए। निबंध का आरंभिक भाग उसकी भूमिका या प्रस्तावना होती है। यह भूमिका इस प्रकार विषय पर प्रकाश डाले कि पाठक निबंध पढ़ने को आतुर हो उठे और भूमिका निबंध क ही अंग लगे। यह सरल, सुबोध व रुचिकर हो तथा निबंध का प्रथम सोपान प्रतीत हो।
भूमिका के अगले गद्यांश निबंध के विषय पर विस्तार से प्रकाश डालते हैं। ये गद्यांश विषय का क्रमबद्ध विश्लेषण व प्रस्तुतीकरण हों। निबंध के मूल भाव से लेखक को भटकना नहीं चाहिए। प्रत्येक गदयांश निबंध के सूत्र में इस तरह पिरोया जाना चाहिए कि संपूर्ण निबंध व्यवस्थित चिंतन का सूत्रबद्ध प्रवाह लगे।
निबंध के अंत में उपसंहार होता है। यह निबंध का अंतिम व महत्त्वपूर्ण चरण है। उपसंहार समस्त निबंध का निष्कर्ष तथा निचोड़ होता। है। यह इस प्रकार लिखा जाना चाहिए कि जिस विषय पर निबंधकार कहना चाहता है, उसका सार पाठक तक प्रेषित हो जाए और उस पर स्थाई प्रभाव पड़े।
निबंध में दृष्टांत, उद्धरण, लोकोक्तियाँ और सूक्तियाँ उसे समृद्ध बनाते हैं तथा विषय को सुव्यवस्थित व प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करने में मदद करते हैं। निबंध की भाषा विषयानुकूल गंभीर, शुद्ध व प्रांजल होनी चाहिए।
निबंध लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें
• विषय पर विभिन्न जानकारी एकत्र करना
• विषय से संबंधित उद्धरण, दृष्टांत आदि एकत्र करना
• विषय पर विद्वानों के विचार जानना
• विषय के सभी पक्षों पर विचार करना विषय को क्रमबद्ध रूप से विभाजित करना
• निजी अनुभवों का विस्तार से वर्णन करना
• विषयानुकूल कठिन या सरल भाषा का प्रयोग करना
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