किसी विषय पर ध्यान आकर्षित करने के लिए अथवा अपनी अच्छी या बुरी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए समाचार-पत्र के संपादक को लिखे गए पत्र संपादकीय पत्र कहलाते हैं।

लेखन विधि-संपादकीय पत्र लिखने की विधि इस प्रकार है-

संपादक को संबोधन-सबसे पहले समाचार-पत्र या पत्रिका के संपादक को संबोधन करना चाहिए। जैसे-

सेवा में

संपादक

नवभारत टाइम्स

बहादुरशाह जफर मार्ग

नई दिल्ली।

अभिवादन-अभिवादन में 'महोदय' या 'प्रिय महोदय' लिखना चाहिए। जैसे-

प्रिय महोदय

संपादक को निवेदन

संपादक को दो-तीन वाक्यों में निवेदन करना चाहिए कि वह आपके पत्र के विषय के महत्त्व को समझते हुए उसे छाप दे। जैसे-

मैं आपके लोकप्रिय पत्र के पाठकनामा' स्तंभ के अंतर्गत अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूँ। कृपया इन्हें छापकर कृतार्थ करें।

मुख्य विषय

कोशिश करें कि संपादक को काट-छाँट करनी पड़े। वह आपके विचारों को ज्यों का त्यों छाप दे।

पत्र छोटा तथा टू--प्वाइंट यानि सटीक हो।

उसमें किसी प्रकार का संबोधन हो।

पत्र सामान्य जनता की ओर उन्मुख होना चाहिए, संपादक या किसी खास वर्ग को नहीं।

प्रेषक-पत्र के अंत में पृष्ठ के बाई ओर नीचे प्रेषक के हस्ताक्षर होने चाहिए। यदि हस्ताक्षर स्पष्ट हों तो नाम लिखने की जरूरत नहीं। परंतु यदि प्रेषक के हस्ताक्षर कठिन हैं और दुर्बोध हैं तो उनके नीचे नाम भी लिखना चाहिए। जैसे-

भवदीय

विजयेंद्र जैन

अथवा

भवदीय

विजयेंद्र जैन

पता-नाम के नीचे प्रेषक अपना पता स्पष्ट शब्दों में लिखें। जैसे-

353, रेलवे कॉलोनी

कोटा

दिनांक- सबसे अंत में पत्र लिखने का दिनांक लिखें। जैसे

13.2.2014