ग्रीष्मकाल में आपके पर्वतीय मित्र ने आपको आमंत्रित कर अनेक दर्शनीय स्थलों की सैर कराई। इसके लिए उसका आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद-पत्र लिखिए।

राजेश मानव

534, टी.टी. नगर

भोपाल

दिनांक : 15.3.2014

प्रिय मित्र शैलेश

नमस्कार !

आशा है, तुम सकुशल होगे। मैं नैनीताल से दिल्ली होते हुए कल सुबह भोपाल पहुँच गया था।

प्रिय शैलेश ! मझे तम्हारे घर में बिताए हए ये दिन कभी नहीं भलेंगे। तुमने मझे नैनीताल की झील के सायन्साय लवर प्वाइंट, टिफिन टॉप, चिड़ियाघर, चाइना टॉप, लैंड-एंड, स्नो-प्वाइंट, कोसानी आदि स्थल दिखाए। ये स्थल मेरी स्मृति में सदा-सदा के लिए अंकित हो गए हैं। मैं जब भी इन्हें याद करूँगा, तुम्हारी स्मृति मेरे साथ रहेगी। तुमने मेरा खूब आतिथ्य किया तथा पूरे। मनोयोग से एक-एक दर्शनीय स्थल दिखाया। इसके लिए मैं तुम्हारा आभारी हूँगा।

अब भोपाल आने की तुम्हारी बारी है। मैं तुम्हारे आगमन की व्यग्रता से प्रतीक्षा करूँगा। तुम्हारा

राजेश