शिक्षा क्षेत्र में इंटरनेट 
Shiksha ke Shetra me Internet 


वर्षों से चली आ रही शिक्षण-व्यवस्था में इंटरनेट ने क्रांति ही ला दी है। विद्यालयों में प्रवेश लेना हो या छोड़ने का प्रमाण-पत्र लेना हो, इंटरनेट के प्रयोग ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को सुविधा प्रदान की है। इंटरनेट ने विद्यार्थी के सीमित फलक को ज्ञान और सूचना का असीमित आकाश दे दिया है। पलक झपकते ही मनचाही सूचना मॉनीटर पर आ जाती है। गुणी और योग्य शिक्षकों की कमी को भी बड़े प्रभावी रूप से पूरा किया जा सकता है। भारत में कुछ ही समय में सभी केंद्रीय विद्यालयों में यह सुविधा प्राप्त हो जाएगी। हर विषय के श्रेष्ठतम शिक्षकों से न केवल विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे अपितु अपनी जिज्ञासाओं, प्रश्नों के हल भी वे उसी समय उनसे पा सकेंगे। आज की शिक्षा में कार्य परियोजनाओं को भी महत्त्व दिया जा रहा है। इस दृष्टि से विद्यार्थी घर बैठे ही हर विषय से संबंधित सामग्री इंटरनेट से प्राप्त कर सकता है। हमारे गाँवों में स्कूलों का जो हाल है वह किसी से छिपा नहीं। पाय योग्य शिक्षक गाँवों में जाने से कतराते हैं। यदि सरकार सभी स्कूलों में कंप्यूटर उपलब्ध करवा दे तो इस समस्या का भी काफ़ी सीमा तक निराकरण हो सकता है। हर विद्यालय के पुस्तकालय में पुस्तकों की संख्या सीमित होती है। इंटरनेट पर दुनियाभर की पुस्तक-सामग्री उपलब्ध है। विश्व-कोश, शब्द-कोश, संदर्भ पुस्तकें क्या नहीं है उसके पास। यही कारण है कि आज के विद्यार्थी पहले से कहीं अधिक ज्ञानवान हैं। इतने लाभ होने पर भी परंपरागत शिक्षण का स्थान इंटरनेट नहा ले सकता। मशीनें ज्ञान भले ही दे दें- जीवन मूल्य और संस्कार नहीं दे सकतीं। अध्यापक और कक्षा-शिक्षण का इंटरनेट पूरक तो बन सकता है किंतु विकल्प नहीं।