यदि मैं प्रधानमंत्री बन जाऊँ 
Yadi mein Pradhanmantri Ban Jau


यदि में प्रधानमंत्री बन जाऊँ तो मैं देश का नक्शा ही बदल दूँगा। सर्वप्रथम तो मैं अपने मंत्री-मंडल में मंत्रियों का चुनाव जाति धर्म या परिवार के आधार पर नहीं, उनकी सेवा-भावना, निष्ठा, ईमानदारी और योग्यता के अनुसार करूँगा। सी. बी. आई., पुलिस-विभाग को सरकारी चंगुल से मुक्त कर दूंगा। न्यायाधीशों के चुनाव, अधिकारियों के स्थानांतरण जैसे महत्त्वपूर्ण निर्णयों नीति से दर रखेंगा। देश की सभी प्रमुख समस्याओं के लिए उस क्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञों की समीतियाँ बना दूँगा तथा उनके परामर्शानुसार योजनाएँ लागू करूँगा। योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधा डालने वालों या पैसा खाने वालों को बिल्कुल बिलकुल नहीं बख्शुंगा। शिक्षा के क्षेत्र में न केवल स्कूल, कॉलेजों की संख्या बढ़ाऊँगा-शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए हर संभव काँगा। शहरों की झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को साफ़-सुथरे घर उपलब्ध करवाऊँगा। गाँवों में ही रोजगार के अवसर मिल सकें इसके लिए छोटे-बड़े उद्योग-धन्धे गाँवों में ही प्रारंभ करवाऊँगा। सभी पडोसी एवं अन्य देशों से हमारे संबंध मधुर हों इसकी भी भरसक कोशिश करूँगा। विदेशों में और अपने देश में छिपा काला धन लाना मेरी प्राथमिकताओं की सूची में सबसे ऊपर होगा। विपक्ष के सकारात्मक सुझावों को अपनाने में भी मैं संकोच नहीं करूँगा। हमारा देश पुनः 'सोने की चिड़िया' और जगदगर का सम्मान पाये—यह मेरा लक्ष्य होगा। कहते हैं संकल्प यदि पवित्र और शुद्ध हों तो सफलता अवश्य मिलती है। मैं भी ऐसा ही सफल प्रधानमंत्री बनूँगा जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आस्था और प्रेरणा का स्रोत बन सके।