मित्र को विद्यालय के खेल-दिवस समारोह की जानकारी देते हुए। 

2491 सेक्टर बारह 

चंडीगढ़ 

15 दिसंबर 2014 

प्रिय शैलेश, 

सस्नेह नमस्कार! आशा है तुम सब कुशलपूर्वक होगे। यहाँ भी सब कुशल-मंगल है। तुम्हें जानकर प्रसन्नता होगी कि इस वर्ष खेल दिवस पर मुझे 'सर्वश्रेष्ठ धावक' का मैडल मिला और वो भी मेरे प्रिय खिलाड़ी कपिल देव के कर कमलों से। पिछले वर्ष मैं एक स्वर्ण-पदक से चूक गया था। इस वर्ष 100 मीटर, 400 मीटर और लंबी कूद तीनों प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान पर रहा। मित्र, इस उपलब्धि में तुम्हारा योगदान कुछ कम नहीं रहा। मेरे अभ्यास के समय तुम सदैव मेरा उत्साह बढ़ाते थे। तुम्हारी कमी खलती थी। 

इस वर्ष खेल-दिवस में कपिलदेव के मुख्य अतिथि होने से समारोह में चार-चाँद लग गए। खेल प्रतियोगिताएँ तो एक हफ्ते से चल रही थीं। समारोह वाले दिन वरिष्ठ छात्रों की 100 मी०. 400 मी० और रिले थी और कनिष्ठ वर्ग की 200 मी०, ऊँची कूद और रिले थी। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी 'सुभाष-सदन' सर्वाधिक अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रहा। छठी कक्षा के छात्रों ने योगासनों का अत्यंत प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त संगीतुमय ड्रिल, जूडो-कराटे, जिमनास्टिक के कार्यक्रम भी खूब पसंद किए गए। 

कपिल देव स्वयं श्रेष्ठ खिलाड़ी हैं, उनका भाषण संक्षिप्त किंतु प्रेरणादायी था। उनकी एक बात तो मैंने गाँठ बाँध ली है- 'जब खेल के मैदान में हो तो 100 प्रतिशत अपने खेल पर ध्यान दो, उस समय पढ़ाई, परीक्षा आदि के विषय में मत सोचो और जब कक्षा में हो तो खेल के मैदान को भूल जाओ।' कार्यक्रम के अंत में हम सबने मिलकर 'जय हो' गीत गाया। समारोह की कुछ तस्वीरें मैंने फ़ेस बुक पर डाल दी हैं, तुम देख लेना। 

शीतावकाश में तुम चंडीगढ़ आ रहे हो यह खुशखबरी तुमने नहीं, तुम्हारी बहन ने मेरी बहन को दी। बस प्रतीक्षा के कुछ ही दिन रह गए हैं। शेष मिलने पर। 

तुम्हारा स्नेही 

विकास