अपनी किसी भूल पर क्षमा याचना करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए।
सेवा में,
प्रधानाचार्या
लोटस वैली पब्लिक स्कूल
नोएडा
विषय : अध्यापक से दुर्व्यवहार के लिए क्षमा याचना हेतु
महोदया,
नम्र निवेदन है कि मैं कक्षा दशम् 'ब' का छात्र हूँ और कल गणित के अध्यापक के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए क्षमा-प्रार्थना करना चाहता हूँ।
कल दूसरे कालांश में हमारे गणित के अध्यापक श्री जे.पी. मिश्र को अपनी गृहकार्य की कॉपी देने से इनकार करते हुए मैंने कहा कि मुझे सारे प्रश्न आते हैं, आपको मेरी कॉपी जाँचने की आवश्यकता नहीं है। सारी कक्षा हँसने लगी। मेरे एक-दो सहपाठियों ने तो मेरी पीठ थपथपाते हुए मुझे इस दुस्साहस पर शाबाशी तक दी। इससे मेरा हौसला बढ़ा और मैंने यहाँ तक कह दिया कि आप चाहें तो गृहकार्य जाँचने में मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। मेरे ऐसा कहते ही मिश्र जी यह कहते हुए कक्षा से चले गए कि यदि आपको मेरी आवश्यकता ही नहीं है तो मैं अब से आपकी कक्षा नहीं लूँगा। पूरा कालांश बीत गया, लेकिन वे कक्षा में नहीं आए। मुझे अपनी भूल का अहसास हुआ। हमेशा गणित में सबसे अधिक अंक प्राप्त होने के कारण मुझमें अहंकार आ गया था। मैंने अध्यापक-कक्ष में जाकर उनसे क्षमा माँगी, लेकिन उन्होंने मुझसे बात नहीं की। मैंने छुट्टी से पूर्व लिखित रूप से क्षमा-याचना का पत्र भी लिखकर उन्हें दिया है, लेकिन उनका कहना है कि अब आपको दूसरे अध्यापक गणित पढ़ाएँगे। मैं अपने असभ्य व्यवहार पर अत्यंत लज्जित हूँ और हृदय से क्षमा प्रार्थी हूँ। मिश्र जी बहुत ही योग्य और श्रेष्ठ अध्यापक हैं। आपसे विनम्र प्रार्थना है कि इस धृष्टता के लिए मुझे क्षमा करें। भविष्य में इस प्रकार की कोई भूल मैं नहीं करूँगा। मेरी ओर से पूरी कक्षा ने उनसे क्षमा माँगी, किंतु वे हमें पढ़ाने के लिए तैयार नहीं हैं।
अत्यंत विनम्रता के साथ मैं पुनः क्षमा माँगता हूँ। अपने इस दुर्व्यवहार के लिए जो भी दंड आप या मिश्र जी मुझे देना चाहें, मुझे स्वीकार है। आप मिश्र जी से अनुरोध करके उन्हें पुनः हमें पढ़ाने के लिए कह दें तो हम सब आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अनन्य भटनागर
कक्षा : दशम् 'ब'
दिनांक : 12.4.2014
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