एकता में बल 
Ekta mein Bal


एक होने के भाव को एकता कहा जाता है। एकता शक्ति का प्रतीक है। कहा गया है कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता। हाथ की पाँच अँगुलियाँ मिलकर एक मुठ्ठी बना लेती हैं तो वह काफी ताकतवर हो जाती है वैसे अलग-अलग इन पाँचों अंगुलियों का कोई अस्तित्व नहीं है। एकता में अपार शक्ति होती है। इसी शक्ति के अभाव के कारण हमारा देश गुलाम हुआ और अंग्रेजों ने फूट डालो और शासन करो की नीति अपनाकर हमारे देश पर कई वर्षों तक शासन किया। इसी शक्ति के कारण हमारा देश आजाद हुआ। एकता शक्ति, सौंदर्य एवं संप्रभुता का प्रतीक है। एकता में रहकर ही हम अपने देश की उन्नति कर सकते हैं तथा देश की आजादी को कायम रख सकते हैं। हम एक होकर कठिन से कठिन कार्यों को भी आसान बना देते हैं।