बस की प्रतीक्षा
Bus Ki Pratiksha
बस के लिए प्रतीक्षा करना एक थका देने वाला कार्य है। यह बड़े शहरों में आम बात है। जिनके पास अपने वाहन नहीं हैं उन्हें बस द्वारा सफर करना पड़ता है। उनको कई बार घंटों बस की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। वे बस स्टाप पर लम्बी कतारों में खड़े होते हैं। समय व्यतीत करने के लिए कई बातें करना शुरू कर देते हैं तो कई पत्रिकाएं पढ़ने लगते हैं। जैसे ही बस आती है सभी उसकी ओर बढ़ने लगते हैं। औरतों, बच्चों तथा बूढों के लिए थोड़ा मुश्किल होता है। कुछ लोगों को बुरा लगता है यदि वे गलत रास्ते वाली बस में चढ़ जाएं। कई बार बस खचा-खच भरी होती है इसलिए स्टाप पर रुकती ही नहीं। तब लोग अपनी किस्मत को कोसते हैं। वे अपनी मुश्किलों के लिए प्रशासन को जिम्मेदार मानते हैं। बहुत से लोग दफ्तर के लिए लेट हो जाते हैं। उन्हें अपने से बड़े अधिकारियों को लेट होने की वजह बयान करनी पड़ती है। बस की प्रतीक्षा एक थका देने वाला अनुभव है।
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