हर चमकती चीज सोना नहीं होती
Har Chamakti Cheej Sona Nahi Hoti
शेक्सपीयर के एक खेल से यह पंक्ति ली गई है जिसका नाम है 'द मर्चेट आफ वेनिस'। यह हमें बताता है कि केवल देखने से असलीयत पता नहीं चलती। किसी व्यक्ति या वस्तु को केवल उसके बाहरी रूप से परखना खतरनाक हो सकता है। सोना एक महंगी धातु है। यह चमकदार होता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि हर चमकदार चीज़ सोना होती है। इसी प्रकार व्यक्ति के जीवन में भी यह चीज़ लागू होती है। एक व्यक्ति बाहर से आदर्शवादी दिख सकता है लेकिन दिल से वह बुरा हो सकता है। भगवे कपड़ों में ढका व्यक्ति भी धोखेबाज हो सकता है। यह विश्व भ्रमों से भरा हुआ है। चेहरा हृदय का ज्ञान नहीं दे सकता। लोग भेड़ की शक्ल में भेड़िए हो सकते हैं। वे हमारे समाज के लिए खतरा होते हैं। जो उन्हें उनकी बाहरी सुन्दरता से परखते हैं वे धोखा खाते हैं। उन्हें बच कर रहना चाहिए। इसलिए बाहर से किसी को नहीं परखना चाहिए। कोई भी फैसला बाहर से देखकर न लें।
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