सूर्य-उदय का दृश्य 
Suryoday ka Drishya 

सूर्य-उदय का दृश्य बहुत ही लुभावना होता है। रात का अंधेरा साफ हो रहा होता है। आसमान के सितारे फीके पड़ रहे होते हैं। धरती का पूर्वी हिस्सा केसरी रंग से चमक रहा होता है। सूरज आग के गोले की तरह लगता है। पक्षी अपने घोंसलों से निकल कर चहचहा रहे होते हैं। कुछ तो दिन भर के लिए खाना इकट्ठा करने निकल चुके होते हैं। सारा वातावरण प्रदूषण रहित होता है। आकाश में बिल्कुल भी धुआं नहीं होता क्योंकि फैक्टरियों ने कार्य आराभ नहीं किया होता। किसान खेतों में कार्य करने निकल चुके होते हैं। सुबहसुबह उठकर लोग सैर कर रहे होते हैं। दूध वाले दूध लेकर शहर की ओर जा रहे होते हैं। स्कूली रिक्शा वाले भी सड़कों पर निकल चुके होते हैं। गलियों में आवारा कुत्ते भोजन की तलाश करते दिखाई देते हैं। सारा नजारा बदलता जाता है जैसे-जैसे सूरज आकाश में और ऊपर बढ़ता जाता है।