वनभोज में भाग लेने के लिए मित्र को।


7, कॉनट्रेक्टर्स एरिया,

जमशेदपुर

26-12-1991 

प्रिय सुधीर,

नमस्ते! इधर तुम्हारा कोई पत्र मिला नहीं, इसलिए मैं बहुत चिन्तित हूँ। चाईबासा कोई दार्जिलिंग की सुरम्य वनस्थली नहीं जहाँ से बाहर निकलने का तुम्हारा जी ही नहीं चाहता । कहीं मीठी नींद आ गयी हो, तो उसे तोड़ने के लिए यह आमंत्रणपत्र भेज भेज रहा हूँ। 

हमलोगों ने इस बार वनभोज की बड़ी अच्छी तैयारी की है। हम अपने साथ एक ऐसे सितारवादक को भी ले जा रहे हैं, जिनका वादन सुनकर तुम्हें रविशंकर की याद हो आयेगी। वार्षिक परीक्षा की थकान और ऊब के बाद नववर्ष का यह वनभोज अविस्मरणीय रहेगा। अतः तुम इसमें अवश्य सम्मिलित होओ।

तुम्हारा अभिन्न

अमंग्श पता-श्री सुधीरकुमार,

द्वारा-प्राचार्य, रूंगटा माध्यमिक स्कूल, चाईबासा-833201