दिल्ली की सैर 
Delhi ki Sair


मेरी चाची जी दिल्ली आई हुईं थीं। हम उन्हें दिल्ली की सैर करवाने ले गए।


सब से पहले हम कुतुबमीनार पहुँचे। इसकी सात मंजिलों में से अब पाँच ही बची हैं। इसके पास ही बने लौह स्तंभ को सबने हाथों से पकड़ने की कोशिश की।


इसके बाद हम लाल किला गए। लाल पत्थरों से बनी इस इमारत को शाहजहाँ ने बनवाया था। चाची जी ने यहाँ की दीवारों की नक्काशी की खूब तारीफ की। इसके बाद हम पुराने किले गए। इसके पास ही चिड़ियाघर है। यहाँ पर हमने अनेक पशु-पक्षी देखे।


इसके बाद हमने चाची जी को कमल मंदिर (लोटस टेंपल) दिखाया। शाम को हम पहले साइंस म्यूज़ियम (विज्ञान संग्रहालय) गए और फिर अप्पू घर। हम सबने यहाँ खूब झूले झूले। लौटते समय कनॉट प्लेस में खाना खाया। अब, सब थक चुके थे।


अगले दिन राजघाट जाने का प्रोग्राम बन ही रहा था कि मैं निद्रा देवी की गोद में था।