जो डर गया  वो मर गया 

Jo Dar Gya Vo Mar Gya


किसी जंगल में एक लोमडी रहती थी। उसी जंगल में गधों की भरमार थी। लोमड़ी को उनसे असुविधा होती थी। उनके खाने योग्य साधन गधों की बहुलता से अस्त-व्यस्त हो जाते ।


लोमड़ी ने गधों को भगाने की एक योजना बनाई । वह गधों के पास पहुँची और बोली, "तुम्हें एक गुप्त सूचना देती हूँ । सुनो, मछलियों ने मिलकर एक सेना गठित की है और वे दलबल के साथ तुम सब गधों पर हमला करने वाली हैं।"


गधों ने सच्चाई जानने का प्रयत्न नहीं किया और डरकर गाँव की ओर भागने लगे । वह गाँव धोबियों का था । उन्होंने गधों को भयभीत देखकर उनसे कारण पूछा । गधों ने उन्हें सारी बात बता दी। धोबियों ने उन्हें सहायता का आश्वासन दिया तो गधों की जान में जान आई।


धोबियों ने उनके गले में रस्सी बाँधकर अपने खूटे से बाँध दिया । गधे स्थायी रूप से बंधन में बँध गए । आज भी वे परतंत्रता का जीवन जी रहे हैं और बोझ ढो रहे हैं।