आकाश की ऊँचाइयों को छूता मानव
Akash ki Unchaiyo ko Chuta Manav
संकेत बिंदु -शीर्षक का अभिप्राय -विभिन्न क्षेत्रों में विकास -मानव का अदम्य साहस -विभिन्न उपलब्धियाँ
इस शीर्थक का अभिप्राय यह है कि आज का मानव आकाश की ऊँचाइयों को छू रहा है अर्थात चहुंमुखी विकास कर रहा है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में विकास हो रहा है। मानव विज्ञान की मदद लेकर विभिन्न दिशाओं में चमत्कारी उपलब्धियाँ प्राप्त कर रहा है। कम्प्यूटर और इंटरनेट की सहायता से नित्य नई दिशा में मानव के चरण बढ़ रहे हैं। यह मानव का अदम्य साहस ही है कि वह आकाश की ऊंचाइयों को छूने के लिए पूरी शक्ति लगा रहा है। मानव ने अंतरिक्ष विज्ञान क्षेत्र में भी लंबी छलांग लगाई है। मानव इतनी उपलब्धियाँ पाकर भी अभी संतुष्ट नहीं है। वह अब भी हर क्षण किसी-न-किसी नई खोज में लगा रहता है।
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