मेरा जन्मदिन
Mera Janamdin


मैं अपनी दसवीं सालगिरह हमेशा याद रखूगी। यह बडे शानदार तरीके से मनाया गया था। मेरा जन्मदिन हर वर्ष पाँच मार्च को मनाया जाता है। यह बहुत ही प्यारा दिन था। सूरज की रोशनी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। सुगन्धित व ठंडी हवा चल रही थी। मेरे सारे मित्र व करीबी रिश्तेदार आमंत्रित थे।

मेरे लिए एक विशेष प्रकार का नीला सूट व बर्फ़ जैसी सफ़ेद कमीज सिलवायी गयी थी। वह दिन उत्साह, आनन्द व आशाओं से भरा था। हॉल को फूलों, गुब्बारों व रंगीन कागज़ की पट्टियों से सजाया गया था।

शाम को कार्यक्रम आरम्भ हुआ। सभी मेहमान वहाँ पहले से उपस्थित थे। मेरे मित्र भी वहाँ आ गए। फिर मैं अपने कपडे पहनकर हॉल में गया। वे सभी लोग मेरा इंतज़ार कर रहे थे। उन्होंने मेरा स्वागत तालियों से व हाथ मिलाकर किया।

वहाँ पर एक बड़ी मेज़ पर जन्मदिन का केक रखा था जिस पर दस मोमबत्तियाँ लगी थीं। वह एक बहुत खूबसूरत, बड़ा चॉकलेट केक था। मोमबत्तियाँ जल रही थीं। मैंने एक को छोड़कर सभी मोमबत्तियाँ बुझा दी और केक काटा। मेरे मित्रों व रिश्तेदारों ने खुश होकर तालियाँ बजाई व जन्मदिन की बधाई का गीत गाया। मुझे बहुत से उपहार दिए गए जो खूबसूरत कागज़ में लिपटे हुए थे। मेहमानों को केक के टुकड़े, मिठाई, नाश्ता व शरबत दिया गया। वहाँ पर चाय और कॉफी भी थी। वहाँ वह आनन्द, हँसी-मज़ाक व चुटकुले चल रहे थे। वापसी उपहार के रूप में सभी उपस्थित सुहृदों को एक-एक बॉल पेन दिया गया।

जब समारोह समाप्त हुआ, मैंने अपने उपहार खोले। मैं इतने सारे खबसुरत उपहारों को देखकर आश्चर्यचकित हो गया। मेरे पिताजी ने मुझे मेरे जन्मदिन पर कैमरा दिया। मेरी मम्मी ने मेरे लिए साइकिल खरीदी। मैंने अपने माता-पिता को अपना जन्मदिन मनाने के लिए धन्यवाद दिया।