मेरा घर 
Mera Ghar

हम पहली मंजिल पर तीन कमरों के घर  में रहते हैं। यह शहर की एक बड़ी व आधुनिक कॉलोनी' में है। इसमें एक बड़ा स्वागत-कक्ष, उसी से जुड़ा हुआ भोजन-कक्ष, दो शयन-कक्ष , रसोई-घर व शौचालय हैं। इसमें दो बड़े छज्जे भी हैं। पिताजी ने इसे दस वर्ष पहले एक भवन-निर्माता से खरीदा था। तब मैं सिर्फ दो वर्ष का था।

यह हमारे लिए काफी बड़ा है। परिवार में केवल हम तीन सदस्य हैं। मैं अपने माता-पिता की अकेली बेटी हूँ। मेरे माता-पिता छोटे परिवार में विश्वास रखते हैं।

मेरा घर  ईंटों, लोहे, टाइल्स व मॉर्बल से बना है। इसमें सभी आधुनिक सुविधायें  उपलब्ध हैं। स्नान-घर बड़ा, हवादार व टाइलों से युक्त है। मेरे घर के फर्श पर मार्बल है। इसमें अलमारियों में व शैल्फ पर नीला ग्रेनाइट लगा है। रसोइ-घर बड़ा व आरामदायक है। यह हमारे उठने-बैठने के कमरे के पास है। इसका एक दरवाज़ा बड़े छज्जे में खुलता है। छज्जे पर से हम पार्क व कॉलोनी का खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं।

हमारा स्वागत-कक्ष व भोजन-कक्ष भली-भाँती सुसज्जित हैं। इनके फर्श पर मोटा ऊनी कालीन बिछा हुआ है। दीवार पर दो बड़े व खूबसूरत चित्र लगे हैं। और वहाँ पर म्यूजिक सिस्टम व रंगीन टी.वी. भी हैं। भोजन कक्ष में भोजन की मेज़ पर गोल व मोटा और महँगा काँच लगा है। भोजन की कुर्सियाँ ऊँची व आरामदायक हैं और सोफा भी आरामदायक है।

दुसरे छज्जे पर मिट्टी के गमलों में बहुत से फूलों वाले पौधे लगे हैं। इनमें गुलाब, रात की रानी, चमेली, पैगोडा के फूल लगे हैं। ये हमारे मकान की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। हमारे घर में ताजी हवा के लिए कई पंखे व कमरे को वातानुकूलित करने वाला उपकरण भी है। ये सब कुछ हमारे घर को रहने के लिए एक अच्छी जगह बनाते हैं।