वर्तमान शिक्षा और कोचिंग संस्थान 

Vartman Shiksha aur Coaching Centres


आज के दौर में इंजीनियरिंग, मेडिकल, सेना, कानून, होटल मैनेजमैंट, प्रशासनिक सेवाओं आदि कोरों में प्रवेश पाने हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इन परीक्षाओं में निर्धारित सीटों की उपलब्धता को देखते हुए मैरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। इन परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए आज जगह-जगह कोचिंग संस्थानों की बाढ़ आ गयी है। ये संस्थान हज़ारों लाखों की फीस ऐंठकर विद्यार्थियों को सातवीं-आठवीं कक्षा से ही पाठ्यक्रम की परीक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की भी कोचिंग देते हैं। इससे विद्यार्थी पर बोझ बढ़ता है। यदि देखा जाए तो जब ये संस्थान नहीं थे तब भी विद्यार्थी अपने अध्यापकों से शिक्षा ग्रहण करके व स्वाध्ययन से उपर्युक्त क्षेत्रों में प्रवेश पाते थे। आज ऐसे उदाहरण भी सामने आते हैं जिनमें अभावग्रस्त परिवारों के विद्यार्थी भी इन संस्थानों में कोचिंग लिए बिना प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छी मैरिट प्राप्त करते हैं। हमें अपनी मानसिकता बदलनी होगी। इसके अतिरिक्त पाठ्यक्रम व प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए। संभवत: स्कूलों/कॉलेजों में ही इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की समचित व्यवस्था होनी चाहिए।