Most asked Hindi Idioms previous years CBSE and PSEB examination for Students

 कुछ प्रचलित मुहावरे जो की पिछले वर्षों मे बोर्ड परीक्षाओं मे पूछे गए है। 



1. अंग-अंग मुसकाना (बहुत प्रसन्न होना) - कक्षा में प्रथम आने पर उसका अंग-अंग मुसकरा रहा था। 

2. अंगारे उगलना (कठोर बातें करना) - वह तो अपने मुँह से हमेशा अंगारेउगलता रहता है। 

3. अंधे की लकड़ी (एकमात्र सहारा) - श्रवण अपने माता-पिता के लिए अंधे की लकड़ी था। 

4. अकल चकराना (कुछ समझ में न आना) - गणित का प्रश्न-पत्र देखते ही सुमन की अकल चकरा गई। 

5. अकल के घोड़े दौड़ाना (तरह-तरह के विचार करना) - ज़रा अकल के घोड़े दौड़ाओ, तभी इस मुसीबत से पार हो सकते हो। 

6. अपने मुँह मियाँ मिठू बनना (अपनी प्रशंसा आप करना) - तुम्हें अपने मुंह मियाँ मिठू बनना शोभा नहीं देता।

7. आँखें चुराना (छिपना) - जबसे उसने मुझसे 5000/- रुपये उधार लिए हैं, वह मुझसे आँखें चुराता फिरता है।

8. आँखों पर बिठाना (सम्मान करना) - जब श्री रामचन्द्र जी 14 सालों का वनवास काटकर अयोध्या वापिस आये तो लोगों ने उन्हें आँखों पर बिठा लिया।

9. आँख खुलना (होश आना) - जब धीरे-धीरे रिश्तेदारों ने रमेश की सारी संपत्ति हथिया ली, तब कहीं जाकर उसकी आँखें खुलीं। 

10. आँसू पीकर रह जाना (घोर मुसीबत पड़ने पर भी शाँत रहना/आँखों में आँसू न आने देना) - भाई की घोर गरीबी को देखकर बहन आँसू पीकर रह गयी। 

11. आग-बबूला होना (बहुत गुस्सा होना) - परशुराम शिव धनुष को टूटा हुआ देखकर आग-बबूला हो उठे। 

12. आग में पानी डालना (क्रोध को शांत करना/झगड़ा मिटाना) तुमने महेन्द्र और नरेश की लड़ाई में बीच-बचाव करके आग में पानी डालने का काम किया है। 

13. आसमान टूट पड़ना (भारी मुसीबत आना) - भयंकर बाढ़ में उसका घर बह गया, मानो उस पर आसमान टूट पड़ा हो।

14. अंग-अंग मुसकाना (बहुत प्रसन्न होना) - कक्षा में प्रथम आने पर उसका अंग-अंग मुसकरा रहा था। 

15. अंगारे उगलना (कठोर बातें करना) - वह तो अपने मुँह से हमेशा अंगारे

16. आसमान सिर पर उठाना (शोर करना) - अध्यापक जब कक्षा में नहीं थे तो बच्चों ने आसमान सिर पर उठा लिया। 

17. ईमान बेचना (बेईमानी करना) - हमें किसी भी कीमत पर अपना ईमान नहीं बेचना चाहिए। 

18. ईद का चाँद होना (बहुत कम या बहुत समय बाद दिखाई देना) अरे भाई! तुम तो ईद का चाँद हो गये हो। 

19. कलेजा ठंडा होना (संतोष हो जाना) - जब बेटे के हत्यारों को फाँसी की सजा सुनाई गयी, तब माँ का कलेजा ठंडा हो गया। 

20. कलेजे पर साँप लोटना (ईर्ष्या से जलना) - जब जगदीश सिंह दसवीं कक्षा में पूरे राज्य में प्रथम आया, तो संदीप के कलेजे पर साँप लोटने लगा। 

21. कान का कच्चा (सुनते ही किसी बात पर विश्वास करना) - अधिकारी को कान का कच्चा नहीं होना चाहिए। 

22. कान पर जूं तक न रेंगना (कुछ असर न होना) – मैंने अपने छोटे भाई को बहुत समझाया, किन्तु उसके कान पर तक नहीं रेंगी। 

23. खटाई में पड़ना (अनिश्चय/अनिर्णय की स्थिति में) - इतने लम्बे समय से मेरी तरक्की का मामला खटाई में पड़ा हुआ है। 

24. ख्याली पुलाव बनाना (कल्पना करते रहना) - बेटा! पढ़ते-लिखते तो हो नहीं, केवल ख्याली पुलाव बनाने से ही कक्षा में अव्वल नहीं आ सकोगे। 

25. गिरिगट की तरह रंग बदलना (सिद्धांतहीन व्यक्ति) - मुझे गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले बिल्कुल पसंद नहीं है। 

26. गुड़ गोबर होना (बना काम बिगड़ना) - आज भारत और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट का फाइनल मैच था, किंतु मूसलाधार बारिश ने सब गुड़ गोबर कर दिया। 

27. घड़ों पानी पड़ना (शर्मिंदा होना) - चोरी के जुर्म में जब पुलिस पुत्र को पकड़कर ले जा रही थी, तो उसके पिता पर घड़ों पानी पड़ गया। 

28. चादर देखकर पैर पसारना (आमदनी के अनुसार खर्च करना) - मेरा बेटा बहुत सुखी है, क्योंकि वह हमेशा चादर देखकर पैर पसारता है। 

29. चेहरे से हवाइयाँ उड़ना (बुरी तरह से घबरा जाना) - जब उसकी चोरी पकड़ी गयी तो उसके चेहरे से हवाइयाँ उड़ने लगीं।

30. छिपा रुस्तम (साधारण दिखने वाला गुणी व्यक्ति) - हम तो उसे कमज़ोर समझते थे, किंतु वह तो छिपा रुस्तम निकला जो 800 मीटर की दौड़ में सोने का तमगा जीत आया। 

31. छोटा मुँह बड़ी बात (बढ़-चढ़कर बातें करना) - क्यों छोटे मुँह बड़ी बात करते हो? तुम्हें उस जैसे सज्जन पुरुष के बारे में ऐसी अनुचित बातें नहीं करनी चाहिएं। 

32. ज़मीन आसमान एक करना (कोशिश करने में कोई भी कसर न छोड़ना) - रमिंदर सिंह ने यह दौड़ जीतने के लिए ज़मीन आसमान एक कर दिया था। 

33. जान पर खेलना (जोखिम उठाना) - सीमा पर भारतीय सैनिक जान पर खेलकर हमारी सुरक्षा करते हैं।

34. झख मारना (बेकार समय खराब करना) - तुम यहाँ बैठे झख ही मारते रहोगे या कोई काम भी करोगे।

35. टेढ़ी उँगली से घी निकालना (बलपूर्वक काम करना) - अपने वायदे के अनुसार तुम मेरी रकम लौटा दो, नहीं तो मुझे टेढ़ी ऊँगली से घी निकालना आता है। 

36. ठगा-सा रह जाना (हैरान होना) - कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर मैं ठगा-सा रह गया। 

37. डूबती नैया पार लगाना (मुसीबत से निकालना) - गणित विषय में मुझे मेरे अध्यापक ने अतिरिक्त समय में पढ़ाकर मेरी डूबती नैया पार लगा दी।

38. ढोल की पोल (बाहरी दिखावा) - उसकी बहादुरी तो ढोल की पोल है, देखना, एक दिन खुल ही जाएगी। 

39. तलवे चाटने (खुशामद करना) - आखिर बाबू गोपाल प्रसाद ने अपने अफ़सर के तलवे चाटकर तरक्की पा ही ली। 

40. ताँता बँधना (लगातार होना) - नौकरी पानी के लिये बेरोजगारों का तांता बँधा हुआ है। 

41. थाली का बैंगन (अस्थिर विचारों वाला / सिद्धांतहीन व्यक्ति) – जो व्यक्ति थाली के बैंगन होते हैं, वे किसी के सच्चे मित्र नहीं होते। 

42. दाँत काटी रोटी (घनिष्ठ मित्रता) - जय और वीरू में दाँत काटी रोटी है। 

43. दालभात में मूसलचंद (दो लोगों के बीच दखल देना) - मैं और विकास बातचीत करके मतभेद दूर कर लेंगे, पर कृपा करके तुम दालभात में मूसलचंद न बनो। 

44. धज्जियाँ उड़ाना (नष्ट-भ्रष्ट करना) - यदि कोई भी देश हमारी शांति भंग करेगा तो हम उसकी धज्जियाँ उड़ा देंगे। 

45. धुन का पक्का (पक्के इरादे वाला) - अनिल अवश्य अपने काम में सफल हो जाएगा क्योंकि मैं जानता हूँ कि वह धुन का पक्का है। 

46. नाक-भौ चढ़ना (नखरे करना) - घर में तो तुम हर सब्जी को देखकर नाक-भौं चढ़ाते हो पर अब देगी, हॉस्टल में सब कुछ कैसे नहीं खाओगे। 

47. नाक कटना (प्रतिष्ठा नष्ट होना) - बेटा, ऐसा काम मत करना जिससे मेरी नाक कट जाए। 

48. पत्थर पर लकीर (पक्की बात) - लाला खेमराज ने जो कह दिया, उसे पत्थर पर लकीर समझना। 

49. फूंक-फूंक कर कदम रखना (बहुत सोच-समझ कर काम करना) - भैया, तुमने अपना नया-नया कारोबार खोला है, इसलिए तुम्हें फूंक-फूंककर कदम रखना चाहिए। 

50. फूला न समाना (बहुत खुश होना) - कबड्डी का मैच जीतकर हमारे स्कूल की टीम फूली नहीं समा रही थी। 

51. बात का धनी (वायदे का पक्का) - यदि भूपेंद्रपाल ने तुम्हें कह दिया है कि वह तुम्हारी मदद करेगा तो उसकी बात का यकीन करो, क्योंकि वह बात का धनी है। 

52. बीड़ा उठाना (संकल्प करना) - जब सभी मुख्य बल्लेबाज़ आउट हो गए तो कप्तान ने मैच को जीतने का बीड़ा उठाया। 

53. भरी थाली में लात मारना (लगी लगाई रोज़ी छोड़ना) - अरे! जब तक और अच्छी नौकरी नहीं मिलती तब तक इसी नौकरी को करते रहो। भला कोई भरी थाल में लात मारता है ! 

54. मिज़ाज ठीक करना (अकड़ दूर करना) - अगर तुम्हारे पिता जी का लिहाज़ न होता तो मैं दो मिनट में तुम्हारे मिज़ाज ठीक कर देता। 

55. रुपया उड़ाना (बेकार में धन खर्च करना) - यदि तुम्हें नहीं पढ़ना तो क्यों अपने माता-पिता के रुपये उड़ा रहे हो।

56. लोहे के चने चबाना (बहुत कठिनाई से सामना करना) - पाक सेना को भारतीय सेना के साथ टक्कर लेते समय लोहे के चने चबाने पड़े। 

57. वीरगति को प्राप्त होना (मर जाना) - भारत को अंग्रेज़ों से स्वतंत्रता दिलाने में अनेक देशभक्त वीरगति को प्राप्त हुए। 

58. शेखी बघारना (अपने मुँह अपनी प्रशंसा करना) - इस तरह शेखी बघारना अच्छी बात नहीं। 

59. शैतान के कान कतरना (बहुत चालाक होना) - शीशपाल तो शैतान के भी कान कतरने वाला है, बेचारे कुलवीर की उसके सामने बिसात ही क्या है ? 

60. सिर-धड़ की बाज़ी लगाना (प्राणों की भी परवाह न करना) – भारतीय सैनिक देश की रक्षा के लिए सदैव सिर-धड़ की बाज़ी लगा देते हैं। 

61. हाथ धोकर पीछे पड़ना (काम करने की धुन लगना) - लोकेश जिस काम के पीछे हाथ धोकर पड़ जाता है, उसे वह पूरा करके ही दम लेता है। 

62. हाथ को हाथ न सूझना (कुछ दिखाई न देना) यहाँ इतना अँधेरा है कि हाथ को हाथ नहीं सूझता। 

63. अंगारों पर पैर रखना (जानबूझकर मुसीबत में पड़ना)- अरे भाई, जो भी करो, सोचविचार कर करो। इस काम को करना अंगारों पर पैर रखना है। 

64. अंगूठा दिखाना- (साफ़ मना करना)- जब मैंने उससे अपने रुपये माँगे तो उसने मझे अंगूठा दिखा दिया। 

65. अपना उल्ल सीधा करना- (स्वार्थ/मतलब परा करना)- हमारी पार्टी तभी तो विकास नहीं कर पा रही क्योंकि सभी अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं।

66. अपनी खिचड़ी अलग पकाना- (सबसे अलग रहना)- सुमित्रा दफ्तर में किसी से बात नहीं करती, वह अपनी खिचड़ी अलग पकाती है। 

67. अक्ल पर पत्थर पड़ना- (सोच-विचार न करना)- सोहन की अक्ल पर तो पत्थर पड़ गए हैं, उसे तो अपने भविष्य की कोई परवाह ही नहीं है। 

68. आँखें चुराना- (सामने न आना, कतराना)- जब से उसने मुझसे रुपये उधार लिए हैं, तब से वह मुझसे आँखें चुराता फिरता है।

69. आँखों में धूल झोंकना- (धोखा देना)- चोर पुलिस की आँखों में धूल झोंककर भाग गया। 

70. आस्तीन का साँप- (कपटी मित्र)- योगेश को हरमेश पर बहुत विश्वास था, लेकिन वह तो आस्तीन का साँप निकला। 

71. इस कान सुनना उस कान उड़ा देना- (किसी व्यक्ति की बात पर ध्यान न देना)- वह बहुत ही लापरवाह है, इस कान सुनता है उस कान उड़ा देता है। 

72. ईंट का जवाब पत्थर से देना- (मुँहतोड़ जवाब देना/कठोर के साथ कठोरता का व्यवहार करना)- हनुमान ने रावण की लंका की ईंट से ईंट बजा दी थी। 

73. उड़ती चिड़िया पहचानना- (अनुभवी होना, किसी बात को जान लेना)- गुलाब राय को किसी बात में कम न समझना, वह तो उड़ती चिड़िया पहचान लेता है। 

74. ऊपर की आमदनी- (इधर-उधर से फटकारी हुई नाजायज़ रकम/भ्रष्टाचार से कमाई रकम)- ईमानदार और मेहनती व्यक्ति कभी भी ऊपरी आमदनी पर विश्वास नहीं करता। 

75. एक-एक रग जानना- (भली-भांति परिचित होना)- तुम हर बार उससे हार जाते हो क्योंकि वह तुम्हारी एक-एक रग जानता है। 

76. कच्चा चिट्ठा खोलना- (गुप्त बात प्रकट करना)- आजकल मीडिया भ्रष्ट लोगों का कच्चा चिट्ठा खोलकर रख देती है। 

77. कफ़न सिर पर बाँधना- (मरने के लिए तैयार रहना)- भारतीय सैनिक हमेशा कफ़न सिर पर बाँधकर देश की रक्षा करते हैं। 

78. कलेजे का टुकड़ा- (बहुत प्रिय)- सभी बच्चे अपने माता-पिता के कलेजे का टुकड़ा होते

79. खाने के लाले पड़ना- (बहुत गरीब होना)- इस साल व्यापार में अत्यधिक हानि होने पर महेन्द्रपाल को खाने के लाले पड़ गए हैं। 

80. खून पसीना एक करना- (कठोर परिश्रम करना)- मेरी बेटी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए खून पसीना एक कर रही है। 

81. घर सिर पर उठाना- (बहुत शोर करना)- जब मम्मी-पापा घर पर नहीं थे तो बच्चों ने घर सिर पर उठा लिया।

82. चिकना घड़ा- (जिस पर कुछ भी असर न हो, निर्लज्ज व्यक्ति)- वह तो चिकना घड़ा है, उसे कितना भी समझा लो फिर भी वह अपनी बुरी बातों से बाज़ नहीं आता। 

83. चिकनी चुपड़ी बातें करना- (चापलूसी करना)- अफसर को कभी भी अपने कर्मचारियों की चिकनी चुपड़ी बातों में नहीं आना चाहिए। 

84. छक्के छुड़ाना- (बुरी तरह पराजित करना)- क्रिकेट के फाइनल मैच में भारतीय टीम ने पाकिस्तानी टीम के छक्के छुड़ा दिए। 

85. ज़हर उगलना- (ईर्ष्यापूर्ण बातें करना)- हमें कभी भी किसी के प्रति ज़हर नहीं उगलना चाहिए। 

86. जी भर आना- (मन व्याकुल होना)- रीना की दुःख भरी कहानी सुनकर मेरा जी भर आया। 

87. टेढ़ी खीर- (मुश्किल काम)- फुटबॉल के मैच में इंग्लैंड टीम के लिए जर्मनी की टीम को हराना टेढ़ी खीर है। 

88. ठोंक-बजाकर देखना- (अच्छी तरह जाँचना/परखना)- उपभोक्ता की बुद्धिमानी इसी में है कि वह बाजार से जो भी वस्तु खरीदे उसे पहले अच्छी तरह ठोंक-बजाकर देख ले। 

89. डींग हाँकना/मारना- (बढ़-चढ़कर बातें करना)- हम उसकी बातों पर कैसे विश्वास करें, वह तो हमेशा डींग हाँकता रहता है। 

90. ढेर करना- (मार देना)- भारतीय सैनिकों ने सीमा पर पाँच घुसपैठियों को ढेर कर दिया। 

91. तलवार की धार पर चलना- (बहुत ही कठिन काम करना)- पंडित जी द्वारा बताई गई शिक्षाओं पर चलना तलवार की धार पर चलना है। 

92. तिनके का सहारा- (थोड़ा सा सहारा)- डूबते को तिनके का सहारा भी बहुत होता है। 

93. थककर चूर होना- (अत्यधिक थक जाना)- मज़दूर सारा दिन मेहनत करके थककर चूर हो जाता है फिर भी उसे उसकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिलता। 

94. दिल्ली दूर होना- (लक्ष्य की प्राप्ति में देरी होना)- पाँच साल पहले इस कम्पनी में आया रवि मैनेजर बनने के सपने तो देख रहा है किन्तु उसके लिए अभी दिल्ली दूर है। 

95. दौड़-धूप करना- (अत्यधिक प्रयास करना)- जिंदगी में दौड़-धूप से घबराने वाले को कभी सफलता नहीं मिलती।। 

96. दूध का धुला- (बिल्कुल निष्पाप/निष्कलंक/निर्दोष)- यह माना कि वह कसूरवार है  किन्तु दूध के धुले तुम भी नहीं हो। 

97. नाक रख लेना- (इज्ज़त बचा लेना)- लड़की की शादी में एक लाख रुपये की मदद करके तुमने मेरी नाक रख ली, मैं तुम्हारा कृतज्ञ रहूँगा। 

98. पेट में चूहे दौड़ना- (भूख लगना)- स्कूल में आधी छुट्टी के समय सभी बच्चों के पेट में चूहे दौड़ने लगते हैं। 

99. पत्थर निचोड़ना- (कंजूस से दान के लिए कहना या निर्दय से दया की प्रार्थना करना)- वह इतना कंजूस है कि उससे दान की तनिक भी आशा करना पत्थर निचोड़ना है। 

100. फूल झड़ना- (मधुर बोलना)- सीमा जब भी बोलती है तो ऐसा लगता है कि मुँह से फूल झड़ रहे हों। 

101. बाएँ हाथ का खेल- (सरल कार्य)- दो सौ मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीतना तो राकेश के लिए बाएँ हाथ का खेल है। 

102. भगवान को प्यारा हो जाना- (मर जाना) कल मेरे मित्र के पिता जी भगवान को प्यारा हो गये। 

103. मामला रफा-दफा करना- (मामला खत्म करना)- सुकेश के खिलाफ कोर्ट में दहेज का मामला चल रहा था किन्तु सरंपच ने दोनों पक्षों को समझा बुझा कर मामला रफा-दफ़ा कर दिया। 

104. मोती पिरोना- (सुंदर लिखाई)- मेधावी की लिखाई देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने मोती पिरो दिये हों।

105. रंग उड़ना- (घबरा जाना)- जब अध्यापक ने विद्यार्थी को नकल करते हुए पकड़ लिया तो उसका रंग उड़ गया। 

106. रुपया पानी में फेंकना- (व्यर्थ खर्च करना)- आजकल के इस दिखावे के युग में लोग शादियों में रुपया पानी में फेंकते हैं। 

107. विपत्ति मोल लेना- (जानबूझकर संकट में पड़ना)- उस पहलवान से झगड़कर दिनेश ने विपत्ति मोल ले ली है। 

108. शान में बट्टा लगना/फर्क आना- (प्रतिष्ठा घटना)- तुमने कसूर किया है इसलिए अपनेmबड़े भाई से माफी माँग लेने से तुम्हारी शान में बट्टा नहीं लगेगा। 

109. सफेद झूठ- (एकदम असत्य)- हमें कभी भी किसी के प्रति सफेद झूठ नहीं बोलना चाहिए। 

110. सिर-आँखों पर बिठाना- (बहुत सम्मान देना)- जब भारतीय टीम विश्व कप जीतकर आयी तो भारतवासियों ने सभी खिलाड़ियों को सिर-आँखों पर बिठा लिया। 

111. सिर पर पाँव रखकर भागना- (बहुत तेजी से भाग जाना)- चारों तरफ से पुलिस से घिर जाने पर चोर सिर पर पाँव रखकर भाग निकला। 

112. हरी झंडी दिखाना- (स्वीकृति देना)- माननीय शिक्षा मंत्री जी ने हमारे गांव में हाई स्कूल खोलने की योजना को हरी झंडी दिखा दी।


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