ताजमहल- एक अजूबा 
Tajmahal-Ek Ajuba



400 Words

ताजमहल-हमारी सुन्दरतम धरोहर-विश्व के महान आश्चयों में एक अपने सम्पूर्ण सौन्दर्य के साथ हमारी धरती का श्रृंगार करता है। ताजमहल नाम से ही अपना गुण बखान करता है। इसे ताजों का महल कहें या महलों का ताज दोनों ही सटीक बैठता है इसके लिए। 


यूँ तो इसका निर्माण सिर्फ अपनी पत्नी के प्रति प्रेम प्रर्दशन के प्रतीक के रूप में करवाया गया था परन्तु यह सौन्दर्य और आश्चर्य का पर्याय बन गया। यह किसी परिचय का मोहताज नहीं। ताजमहल का निर्माण आगरा में यमुना नदी के तट पर अपनी पत्नी की कब्र पर 1654 ई. में तत्कालीन मुगल सम्पाट शाहजहाँ द्वारा करवाया गया था। कहा जाता है इसके निर्माण में लगभग बाईस वर्ष लगे। लगभग 20 हजार कारीगरों ने इसके निर्माण में अपना योगदान दिया तथा लगभग तीन करोड़ रूपये का खर्च लगा था। 


इसका निर्माण सफेद संगमरमर पत्थरों से कराया गया। ये पत्थर नागौर के मकराने से मंगवाया गया। इसमें जो लाल पत्थर लगे है, वे धौलपुर और फतेहपुर सीकरी से मंगाए गए थे। पीले तथा काले पत्थर नरबाद तथ चारकोह से लाए गए थे। इसके आलावा जो किमती पत्थर और सोने चाँदी इसमें लगे, वे दूर देशों के सम्राटों से प्राप्त किए थे। 


ताजमहल का सौन्दर्य चाँदनी रात में सबसे अधिक निखारता है। पूर्णिमा की रात को चाँद की किरणों के साथ इसकी चमक की कोई मिसाल नहीं। ताजमहल के मुख्य भवन के बाहर बहुत ऊँचा और सुन्दर दरवाजा है, जिसे बुलन्द दरवाजा कहते है। यह सुन्दर लाल पत्थरों से बना है। सम्पूर्ण ताजमहल की शिल्पकला और पच्चीकारी आज भी समझ से परे है। इसमें प्रवेश करने के लिए दरवाजो से गुजरना पड़ता है जिन पर करान शरीफ की अयतें लिखी है। 


इसके आगे भव्य उद्यान के बीचों-बीच ताज के मुख्य द्वार है। मध्य में एक सुन्दर झील है। इसकी बनावट अत्यन्त सुन्दर है। शरद् पूर्णिमा की रात ताजमहल के लिए सबसे सुहानी रात होती है। इस दिन चाँदनी में नहाया ताज आश्यर्चजनक ढंग से अपना सौन्दर्य बिखेरता भी लाल और हरे रंग के पत्थरों की आभा हीरों सी चमक लिए दिखाई पड़ती है। 


ताजमहल का निर्माण चाहे जिस कारण से भी हुआ हो, जैसे भी हुआ हो एक बात तो स्पष्ट है कि शाहजहाँ ने अपनी कल्पनाओं से भी ज्यादा अपनी भावनाओं को मूर्त रूप दिया। इसके शिल्पकारों ने भी अपने सम्पूर्ण कौशल का परिचय दिया। ताज को विश्व के सात आश्चर्यो की श्रेणी में स्थान दिलाने के लिए एक मुहिम सी चल पड़ी है। सभी लोग अपने अपने मत दे रहे है। 


ताज की सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि यह हमारा सर्वाधिक गौरवशाली अध्याय है। संपूर्ण विश्वभर से लोग इसे देखने आते है। निस्सन्देह ताज सौन्दर्य प्रेम और आश्चर्य का अनूठा प्रतीक है।