आज मी उन्नी 
Aaj Me Unni



मयाली धरती खौरियूं का बुजना, 

जीवट पराणी आज भी उन्नी 

आस का करड़ा ज्यूड़ा बणाद, 

बातों हेरदी आज मी उन्नी 

धेगली विकास की हर्ची गे सारु, 

बातू खुंजाद आज भी उन्नी 

लैन्दी दूधाल की लात भी खाण, 

सकसेन्दू पराण आज भी उन्नी 

पैटाया लगुला ठंगरो का गोल टुक्खी 

हेरद आज भी उन्नी 

पाणी की कूल मा पाणी खुज्याँदी, 

हिकमती हाथ आज भी उन्नी 

गाणियूं मा मेला (थौला) उरांदी, 

मनख्यूँ खुज्याँदी आज भी उन्नी 

दाणी आख्यूं या स्वीणा सजादी, 

धै लगांदी आज भी उन्नी 

मीनत का करड़ा क्वीला खुज्याँदी 

खाली गुठ्यार मा आज भी उन्नी 

भली हो भल्यार देबतों सुणल्या, 

भरद्या कुठार आज भी उन्नी 

कूली कू पाणी, रोपणी की सार। 

बायों मा दूंल्या आज भी उन्नी 

मुख मा रगऱ्याट खुट्यूँ पर तिड्वाल, 

हत्थ्यूं पर कचकी आज भी उन्नी।