खुद
Khud
काली च कुयेड़ी ब्वे, डाँडा डाँडा लौंकी
मी तैं खुद लगी च ब्वे, तेरी, भै भुलों की
जब आला बाबा परदेश बटे
भै बैणीयूँ को मुंड मलसला, उँकी भुक्की प्याला
मी टपरयूँ रौलू, मी टपरयूँ रौलू, कब मीमू आला ?
कब आला बाबा.... कब आला बाबा ?
किलै म्यारा बावा जी न ये मुलक दीनी,
जख नी च क्वीं पन्देरू, नी च क्वी गदीनी,
दूर जाण पड़दो ब्वे पाणी का बाना,
उकाली को बाटो च ब्वे, उँद्यारी कू बाटो...
चौमासू लग्यूं च ब्वे, लगीं च कूयेड़ी
तेरी खुद लगी ब्वे, जिकुड़ी मा मेरी
कब देली रैबार तू, मी कू मैत आवा
कब मी बुलैली तू लगी तेरी माया।
0 Comments