किसाण 
Kisan



जख मा आँखा खुलजदिन, तख सुबेर जाण ले, 

बीती बातों बिसरैदी, अगनै की सुध ठाण ले 

भाग्य पर जू रून्दन, वू नी करदा काम रे 

हत्थ खुट्यूँ का छौंदा निकज्जू पिपरांद रे। 

यूं बांत्यू तैं गेड़ बान्ध तू छई किसाणरे 

बीती बत्तों बिसरैदी अगनै की सुध ठाणले 

जख.....


आस को बाटो खुज्या ज्यूड़ी बणा विकास की 

मीनती छा तेरा पुरखा उतैई तू पछाणदी 

माधोसिंह भण्डारी, भोलू भरदार भी 

ज्यूँदा छन अज्यों तक तौं का करयाँ काम रे 

जख....


रीता हवेन बौण, खन्दवार वेन गांव रे 

चलदी पुंगड़ी गुस्सैं बिना पौड़ी छन बांज रे 

मुठ्ठी बोट कमर कस अफू तैं पछाण ले 

यू बात्यू तै गेड़ बान्ध तू छई किसाण रे

जख....


कूली सी पाणी पन्देरी बणी छन कज्याण रे 

गन्दिन्यू कू पाणी बोटी ल्यादे अपणा गाँव रे 

उकाली उन्धायूँ न झूरदोऽऽ पराण रे 

यू बातूं तें गेड़ बान्ध तू छई किसाण रे 

जख....


धारा छोया बुसी गैन सूखी गैनी गाड रे 

गदन्यू मा पाणी, हेरदी गाँव की कज्याणीरे 

छोया धारा कनकै फुटला, तजबीज ठाण ले 

यू बात्यू ते गेड बान्ध तू छई किसाण रे 

दारु मा न बगदी तू, स्या च तेरो काल रे 

सिक्कासोयूँ मा पौड़िक, हुयूँ तेरो कुहाल रे 

अज्यूं भी बगत च अफ्फू तैं संभाल ले 

यूँ बातों ते…..