यूँ बातों ते
Yu Bathon Te
मनखी व मनख्यात
मनखी आस च
मनख्यात विश्वास च
मनखी क्रोध च
मनख्यात स्वाभिमान च
मनखी प्रेम च
मनख्यात करूणा सहिष्णुता समभाव च
मनखी साहस च
मनख्यात शौर्य पराक्रम, उदभव च
मनखी आवेग च
मनख्यात उद्यम, सृजन, निर्माण च
सच बोलदरों की अजकाल, क्वी बात नी सुणदिन
देखा झूठा लबारों की अफार मौ बणगिनी
मीनत का करड़ा हाथ रीता रै गिनी
गप्पीबाज दलालो का खुंगला भोरी गिनी,
स्याणयूँ की गंगा मा बौगी छाल लगगिनी।
सच.....
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