चतुर मछुआरा 
Chatur Machuara 



एक राजा को रात के खाने में मछली खाने का बहुत शौक था। इसलिए एक मछुआरे को आदेश दिया गया था कि वह राजा के लिए प्रतिदिन ताजी मछली लाया करे। मछुआरा प्रतिदिन राजा के लिए ताजी मछलियाँ पकड़कर लाता। बदले में जो भी कीमत वह मछलियों की लगाता उसे दे दी जाती। राजा का संतरी हर रोज मछुआरे को राजा के लिए मछलियाँ लाता देखता। कई दिन से उसके मन में लालच आ रहा था। वह सोचने लगा कि यह मछुआरा प्रतिदिन राजा से मछलियों के बदले मोटी रकम लेता है। मैं राजा का संतरी हूँ। मुझे अपने पद का रौब दिखाकर इससे कुछ पैसे लेने चाहिए। 

एक दिन बहुत ही बढ़िया मछली लेकर मछुआरा राजा के महल के लिए निकला। महल के द्वार पर पहुँचते ही संतरी ने उसे आगे जाने से रोक दिया। कारण पूछने पर संतरी ने कहा, "अगर तुम मछली की कीमत का आधा हिस्सा मुझे देने के लिए तैयार हो तो मैं तुम्हें अन्दर जाने दे सकता हूँ।" 

मछुआरा असमंजस में पड़ गया। अगर वह अंदर नहीं जाता है तो राजा उसे सजा देगा और अगर वह संतरी को आधी कीमत दे देता है तो उसके स्वयं के पास अपनी मेहनत की बहुत कम कीमत रह जाएगी। वह लालची संतरी को सबक सिखाना चाहता था। जिससे राजा का कोई कर्मचारी दोबारा ऐसा दुस्साहस न करे। अचानक उसके मन में एक विचार आया और उसने एक चतुरतापूर्ण योजना बनाई। उसने संतरी को वचन दिया कि वह उसे मछली की कीमत में आधी हिस्सेदारी देगा। फिर संतरी ने मछुआरे को महल के अंदर जाने दिया। 

राजा के दरबार में पहुँचकर मछुआरे ने राजा को मछली दी। राजा बढ़िया मछली देखकर बहुत खुश हुआ। राजा ने मछुआरे से मछली की कीमत माँगने को कहा तो मछुआरे ने मछली की कीमत पचास कोड़े माँगी।

राजा को मछुआरे की माँग सुनकर बहुत हैरानी हुई। हार कर राजा को मछुआरे की बात माननी पड़ी और उसने सैनिकों को मछुआरे को पचास कोड़े मारने का आदेश दिया। मछुआरे ने राजा से विनम्रतापूर्वक कहा, "महाराज, मछली की कीमत में एक और हिस्सेदार भी है। मैनें उसे वचन दिया है कि मैं मछली की आधी कीमत उसे दूंगा।" 

राजा ने पूछा, "हमें बताओ, कौन है वह हिस्सेदार?" 

मछुआरे ने उत्तर दिया, “आपका संतरी, महाराज।" 

तब मछुआरे ने राजा को पूरी कहानी बता दी। राजा को पूरी बात जानने के बाद संतरी पर बहुत क्रोध आया। उन्होंने संतरी को उसी समय दरबार में बुलाया और पच्चीस कोड़े की सजा देने के बाद कारागार में डलवा दिया।

शिक्षाः बुद्धिमान व्यक्ति के लिए कोई कार्य कठिन नहीं है।