छात्रावास में रहने वाले पुत्र को स्वस्थ रहने की शिक्षा देते हुए पिता की ओर से पत्र लिखें।

दिल्ली

10 जनवरी, 2007

प्रिय संतोष,

आशीर्वाद।

यहाँ सभी सानंद एवं प्रसन्न हैं। आशा है तुम भी कुशल होंगे तथा विद्याभ्यास में संलग्न होगे। पिछले पत्र में तुमने पेट खराब हो जाने की बात लिखी थी। छात्रों के लिए यह एक बुरी बीमारी है, जो संयम के अभाव में होती है। समय पर सभी काम करने वाले छात्र सदा स्वस्थ रहते हैं। यदि तुम स्वस्थ रहोगे तभी अच्छी पढ़ाई हो सकेगी। क्योंकि स्वस्थ मस्तिष्क का निवास स्वस्थ शरीर में ही होता है। अतः समय की पाबंदी रखो और सुबह उठकर व्यायाम करो। इससे तुम्हारा शरीर स्वस्थ होगा और मन भी प्रसन्न रहेगा। तुम्हारा स्वेटर और सामान डाक से भेज रहा हूँ। मिलने पर सूचना देना।

तुम्हारा पिता